कोरोना संकट में शहर और अक्षम महापौर, विकास ठप, भ्रष्टाचार चरम पर : भोजराज सिन्हा
1 min read- भिलाई। रायपुर
शहर संकट में है। कोरोना का कहर चल रहा है, और महापौर तथा उनके दो प्रभारी अपने में मस्त है। प्रभारी अपने वार्ड तक सिमटे हैं, और महापौर को शहर से कोई वास्ता ही नहीं है। सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए चिट्ठी वाले और दिखावा वाले बाबा बनकर रह गए हैं।
उक्त आरोप जोन एक नेहरू नगर के अध्यक्ष भोजराज सिन्हा ने लगाया है। सिन्हा ने कहा कि शहर ने बड़ी उम्मीद लगाकर युवा महापौर चुना था। शहर की सारी उम्मीद धरी की धरी रह गई। महापौर में न प्रशासनिक पकड़ है, और न कार्यों की समझ। वे संकट की इस घड़ी में शहर की जनता से ज्यादा अपनी पार्टी के प्रति समर्पित है। अपना नंबर बढ़ाने में लगे हैं। उन्हें कोई मतलब नहीं है कि शहर की जनता कोरोना के चलते संकट में है। जनता को इलाज की, दावा की, अस्पताल की जरुरत है।
महापौर सिर्फ चिट्ठी लिख रहे हैं। अपने छपास होने का परिचय दे रहे हैं। अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से अक्षय पात्र का खाना बटवाकर इसे ही वे अपनी बड़ी उपलब्धी में गिना रहे हैं, और झुठी वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं।
हकीकत यह है कि शहर का विकास ठप है।
भ्रष्टाचार चरम पर है। अधिकारी निरंकुश है। आम आदमी का कोई काम नहीं हो रहा है। सिर्फ दिखावे की शहर सरकार चल रही है। यही हाल दोनों प्रभारी महापौर का है। इन्हें अपने वार्ड से फुर्सत नहीं है। शहर के प्रति कोई जिम्मेदार नहीं है। बड़बोलापन इतना कि किसके खिलाफ बोलना है ये मर्यादा तक भूल गए हैं। ये भी भूल गए हैं कि ये वहीं प्रेम प्रकाश पाण्डेय हैं जिन्होंने डेंगू महामारी के समय भिलाई के सारे निजी अस्पतालों को मुक्त कराकर हजारों जान बचाई थी। उन्होंने आम आदमी, गरीब आदमी को लूटने से बचाया और बीमारी से भी। अगर वास्तव में शहर सरकार हवा हवाई नहीं है, धरातली सोच रखती है तो निजी अस्पतालों में कोरोना का मुक्त इलाज कराने का आदेश जारी करवाएं।