कलेक्टर ने सुनील कुमार जैन ने नोडल अफसरों की बैठक में की गोधन न्याय योजना की समीक्षा
1 min readगोलू कैवर्त बलौदाबाजार
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने वीडियो काॅन्फेंसिग की जरिये नोडल अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की समीक्षा की। उन्होंने विशेषकर योजना के अंतर्गत 5 अगस्त को पहली भुगतान को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कल 30 जुलाई तक सभी गोबर बेचने वाले हितग्राहियों एवं गौठान समिति के खाते बैंकों में खुल जाने चाहिये। कलेक्टर ने बैंक अफसरों को भी खाता खोलने की हिदायत दी है। श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार की यह फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। इससे जुड़े सभी अफसर सौंपे गये दायित्वों को समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। कलेक्टर ने कृषि विभाग को एक सप्ताह के भीतर प्रथम चरण के 87 गौठानों में वर्मी टैंक निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। जिला पंचायत सीईओ डाॅ. फरिहा आलम सिद्धिकी एवं अपर कलेक्टर श्री राजेन्द्र गुप्ता भी बैठक में उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री जैन ने बैठक में कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिये यह योजना हरेली तिहार के दिन से शुरू की गई है। जिले में प्रथम चरण में 87 गौठान में गोबर खरीदी का कार्य शुरू हुआ है। इन गौठानों में ग्रामीण इलाकों में 1 हजार से ज्यादा गौपालकों एवं शहरी क्षेत्रों में 91 पशुपालकों द्वारा गोबर बेचा जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि 31 जुलाई तक बेचे गये गोबर का भुगतान 5 तारीख को किया जायेगा। उन्होंने गोबर खरीदी से लेकर रिकार्ड रखने, बैंक खाता खोलने, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने और विक्रय करने सहित प्रत्येक चरण के बारे में व्यापक रूप से प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा कि योजना के फायदे ही फायदे हैं। इसकी जानकारी ग्रामीणों को देने के लिये व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने चाहिये। कलेक्टर ने सभी ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा गोबर गौठान ले जाकर बेचने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गांव का चरवाहा गौठान प्रबंधन का अनिवार्य हिस्सा है। गौठान में पशुओं को ठहराने के दौरान संग्रहित किये गये गोबर पर उनका हिस्सा है। उसे वह नियमित रूप से बेचकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने नोडल अफसरों को प्रतिदिन गौठानों का दौरा करने के निर्देश दिये। उन्हें 13 बिन्दुओं पर सौंपे गये दायित्यों का बोध भी कराया। जिला पंचायत सीईओ डाॅ. फरिहा आलम ने हाल ही में बिलासपुर जिले में घटित घटना का जिक्र करते हुये इस तरह के हालात पैदा नहीं होने देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गौठानों में दिन में देख-रेख करने की व्यवस्था रखी गई है। रात में गौठान में पशुओं को नहीं रखनी चाहिये।