मैनपुर आदिवासी विकासखण्ड क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में ढाई माह बाद भी नहीं मिला पूरा पाठ्य पुस्तक
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- किताबों के बगैर हो रही है पढ़ाई, विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साधी
- हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, समाजिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण पुस्तक नहीं पहुंचे है जबकि मासिक परीक्षा जारी
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के स्कूलों में पिछले ढाई माह बाद भी पाठ्य पुस्तक नहीं पहुंचने के कारण बगैर किताबों के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से अपना पल्ला झाड़ रहे है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई जहां एक ओर प्रभावित हो रही है। वही लगातार दूसरी बार मासिक परीक्षा जारी है। बगैर पाठ्य पुस्तक पढ़े बच्चे कैसे परीक्षा दे रहे होंगे।
यह सोचने को मजबूर करता है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक के सभी छात्र -छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाता है लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए ढाई माह होने के बाद भी अभी तक सैकड़ों आदिवासी बच्चो को पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाया है जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र के बच्चो का पढ़ाई प्रभावित हो रहा है। कई बार बच्चों ने शिक्षकों के माध्यम से पुस्तक की मांग से शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करा चुके है लेकिन अभी तक बच्चो के पुस्तक नसीब नहीं हो पाया है।
बिना पुस्तक के बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे यह एक बड़ी सवाल है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पाठ्य पुस्तक निगम के माध्यम से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने 16 जून से पहले सभी स्कूलों में पाठ्य पुस्तक पहुंचाने का दावा किया था और इसके बावजूद भी अब तक मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के कई स्कूलों में बच्चो को पुस्तक नही मिला है। मैनपुर तहसील मुख्यालय सहित क्षेत्र के कक्षा छठवीं में हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, कक्षा सातवीं में संस्कृत, विज्ञान एवं समाजिक विज्ञान, आठवीं में विज्ञान, समाजिक विज्ञान भाग-1 पुस्तक अभी तक वितरण नही किया जा सका है और तो और कक्षा नवमीं और दसवीं में अंग्रेजी की पुस्तक पूरे विकासखण्ड क्षेत्र में नही बटी है जिससे छात्र -छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ में 16 जून से शिक्षा सत्र शुरू हुआ है लेकिन अब तक स्कूली बच्चों को सभी पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाया है। इस दौरान ब्लाॅक से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों को शिक्षकों के साथ बच्चो के द्वारा भी पुस्तक की समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन सभी पाठ्य पुस्तक निगम का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ रहे है। ऐसे में बच्चो की पढ़ाई जो प्रभावित हो रही है उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। यह एक बड़ा सवाल है वही शिक्षकों से मिली जानकारी के अनुसार कक्षा छठवीं में हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान का नया पुस्तक आया है जिसके कारण बच्चो को पुराने पुस्तक से भी पढ़ाई नही करवा पा रहे है।
- क्या कहते हैं गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद जगजीत सिंह धीर ने बताया इस संबंध में पूरी जानकारी भेजी जा चुकी है। टेस्ट बुक काॅर्पोरेशन द्वारा पुस्तक का वितरण किया जाता है। इसमें हमारा कोई लेना देना नही है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा निश्चित रूप से पढ़ाई प्रभावित हो रही है लेकिन यह टेस्ट बुक काॅर्पोेरेशन एवं राज्य सरकार का मामला है।
