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November 24, 2024

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बिन्द्रानवागढ़ में 10 साल बाद फिर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी आमने-सामने

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • भाजपा ने सिटिंग विधायक का टिकट काट कर गोवर्धन मांझी को उतारा मैदान में,तो कांग्रेस ने जनक ध्रुव पर फिर खेला एक बार दांव

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनाव में काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है 10 साल पहले जो प्रत्याशी मैदान में थे उन्ही प्रत्याशियों को एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा ने मैदान में उतारा है ।

कांग्रेस ने बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सीट के लिए जनक ध्रुव को अपना प्रत्याशी बनाया है. जनक ध्रुव सन् 2013 में खेल अफसर के पोस्ट से त्याग पत्र देकर राजनीति में आए थे, बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र और राजनीति में नए थे लिहाजा भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए रिकार्ड 30536 मतों से हराया था। पिछले 10 साल में जनक ने क्षेत्र में जनता के बीच अच्छी पैंठ बना लिया।

ज्ञात हो कि बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का अभेद किला कहा जाता है यहां लगातार पिछले तीन चुनाव में भाजपा के ही विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं 2008 भाजपा प्रत्याशी डमरूधर पुजारी यहां से पहली बार विधायक चुने गए,2013 में कांग्रेस के जनक ध्रुव को पछाड़ा कर गोवर्धन मांझी ने बड़ी जीत दर्ज किऐ और 2018 में भाजपा के डमरूधर पुजारी बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के दुसरी बार विधायक चुने गए लगभग 10 वर्षों बाद फिर एक बार चुनावी मैदान में भाजपा से गोवर्धन मांझी और कांग्रेस से जनक ध्रुव मैदान में आमने-सामने हैं

  • 10 वर्षों में जनक ध्रुव ने क्षेत्र में अपना जनाधार मजबूत किया

2013 में जनक ध्रुव जब पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ें उस समय अलग परिस्थितिया थी लेकिन पिछले 10 वर्षों में जनक ध्रुव ने क्षेत्र में अपना पकड़ मजबूत किया है साथ ही पिछले 05 वर्षों में छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के दम पर बिन्द्रानवागढ़ को जितने का दावा इस बार कांग्रेसी कर रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी भाजपा के मजबूत प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं

भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी 2013 में जनक ध्रुव को लगभग 30 हजार से अधिक मतों से हरा कर संसदीय सचिव बने थे और भाजपा के काफी मजबूत प्रत्याशी के रूप में जाने जाते हैं उनके कार्यकाल के दौरान किऐ गये विकास कार्यों का असर और उनकी लोकप्रियता चुनाव में देखने को मिल रहा है।