कांग्रेस ने एक संत का नहीं एक विचारधारा का अपमान किया है : बीजेपी
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा धरना
रायपुर। भाजपा रायपुर जिला एवं अनुसूचित जाति मोर्चा रायपुर द्वारा परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के नाम से दिया जाने वाला राज्य स्तरीय अलंकरण पुरस्कार की घोषणा आज दिनांक तक नहीं किये जाने के कारण छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के विरोध में बूढ़ापारा में धरना दिया गया।
धरना को संबोधित करते हुए अनुसूचित मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय ने कहा कि सरकार का अहंकार तो देखो जब इनके मंत्री से पूछा गया बाबा घासीदास के नाम से अलंकरण क्यों नहीं दिया गया तो उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का कोई भी व्यक्ति/संस्था पुरुस्कार के लिए उपयुक्त नहीं था। इस सरकार को छत्तीसगढ़ के लोगों से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में बाबा घासीदास शोध पीठ बनी थी, इस सरकार ने उसके अध्यक्ष को बर्खास्त कर उस पर भी ताला लगा दिया।
बाबाजी के जन्म स्थल को बनने से रोका जा रहा है व पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बाबाजी के जन्म स्थल को भव्य मंदिर व पर्यटन केन्द्र बनाने का कार्य प्रारंभ किया था जिसे कांग्रेस सरकार में आते ही बंद करा दिया है। कांग्रेस सरकार आने के बाद विकास रुक गया है। श्री मार्कंडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता अपने संत के अनादर का बदला लेगी ।
रायपुर शहर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि यह एक वर्ग का अपमान नहीं अपितु पूरे छत्तीसगढ़ का अपमान है। बाबा घासीदास केवल सतनाम समाज के संत नही बल्कि सभी समाज में पूज्यनीय थे। भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम विपक्षी होने के नाते अपना अपमान तो सह सकते हैं परंतु अपने छत्तीसगढ़ के संत बाबा गुरु घासीदास का अपमान नहीं सकता सकते। यह अपमान केवल संत का नहीं, यह विचारधारा का अपमान है और इसे सर्वहारा समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।
सच्चिदानंद उपासने ने कांग्रेस की छोटी सोच को धिक्कारते हुए कहा कि भूपेश बघेल को गांधी परिवार के अलावा कुछ नहीं दिखता। सभा को अशोक पांडेय, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, राजीव अग्रवाल, ने संबोधित किया सभा पश्चात महामहिम राज्यपाल के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया
इस दौरान अशोक पाण्डेय, शैलेन्द्री परगनिहा, किशोर महानंद, सुभद्रा तंबोली, राजकुमार राठी, अजय साहू, रविन्द्र बंजारे, श्याम नारंग, आत्माराम बंजारे, अकबर अली, सचिन मेघानी, रमेश ठाकुर, दयालु गाड़ा, मनोज डांडे, वेदराम जांगड़े, राजेश टंडन, दुलारी चतुर्वेदी, लता नारंग, प्रीतम ठाकुर, राजू मार्कण्डेय, विष्णु विहार, दिनेश टंडन, शरद जाल, कृष कुमार अवधिया राजकुमार भारती, गोरेलाल नायक, सावित्री जगत, शैलेष बांगड़े, पुष्पेन्द्र उपाध्याय, वेद कुमार बारले, रामजी बंदे, रविन्द्र सिंह ठाकुर, लक्ष्मी नारायण, विष्णु व्यहार, खेमराज बाकरे, रमाकांत रामटेके, संतोष हियाल नारायण दास, अमलेश कुमार सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।