कांग्रेस की पोस्टर लेडी बल्दीबाई की बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान मौत, नहीं मिली स्वास्थ्य योजना का लाभ
- विशेष पिछड़ी जनजाति के जच्चा बच्चा के मौत के बाद परिजनों को लाश को घर तक लाने लेना पड़ा कर्ज
मैनपुर – सरकार की स्वास्थ्य योजनाआें का कितना लाभ मिल रहा है और जरूरतमंदों को इनका कितना फायदा मिल रहा है, इस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रायपुर जिले के एक निजी अस्पताल में महिला और उसके बच्चे की प्रसव के दौरान मौत हो गयी और यह महिला विशेष पिछडी जनजाति कमार जनजाति की है। इसके बावजूद परिजनों को कर्ज करके अस्पताल का बिल चुकाना पड़ा। आरोप है कि पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया, वही अस्पताल प्रबंधन भी ने भी इस मामले में खुद को बेबस बताया है।
दरअसल गरियाबंद जिले आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय मैनपुर से महज 18 किलोमीटर दुर घनें जंगलों के अंदर बसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के गोद ग्राम कुल्हाडीघाट जंहा विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासी निवास करते है, और कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दीबाई को पूरा प्रदेश जानता और पहचानता है। बल्दी बाई की नाती बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान बीती रात अभनपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी।
परिजनों के मुताबिक स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अस्पताल में राशनकार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज जमा किए थे मगर उसके बाद भी उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। परिजनों को तकरीबन 12 घण्टे लाश के साथ अस्पताल में गुजारने पड़े। आज मंगलवार दोपहर 12 बजे परिजनो ने कर्ज लेकर रकम का इंतजाम किया और अस्पताल में इलाज का बिल जमा कराया, तब कही जाकर परिजन शव लेकर अपने घर कुल्हाडीघाट शाम तक पहुंचे ।
ज्ञात हो कि बल्दीबाई वही कमार महिला है जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांघी और उनकी पत्नी सोनिया गांघी को सन् 1985 में कुल्हाडीघाट प्रवास के दौरान अपनी झोपड़ी में बिठाकर कंदमूल खिलाये थे, तब से बल्दीबाई कांग्रेस की पोस्टर लेडी के रूप में जानी जाती है, और बल्दी बाई कि नाती बहू को कल 08 फरवरी सोमवार को प्रसव पीडा होने पर उन्हे सबसे पहले मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया था जंहा उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हे जिला अस्पातल रिफर किये जाने की जानकारी मिली थी लेकिन बल्दी बाई की नाती बहू और बच्चें की प्रसव के दौरान मौत हो गई और उन्हे स्वास्थ्य योजना का लाभ भी नही मिल पाया जो शासन की महती महत्वपूर्ण योजना पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी है।
मृतक के पति धनसाय सोरी ने बताया
बल्दी बाई के नाती धनसाय सोरी ने बताया कि उनकी पत्नी चन्द्रबती सोरी को ईलाज के लिए अभनपुर के एक निजी अस्पातल में ले गये थे। और इस दौरान उसकी पत्नी चन्द्रबती सोरी उम्र लगभग 35 वर्ष और बच्चा की मौत हो गई, लेकिन उन्हे शासन के महत्वपूर्ण योजना आयुष्मान योजना का लाभ नही मिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में अभी कर्मचारी नहीं है बताया गया। तब ईधर उधर से कर्ज उधारी लेकर आज मंगलवार को उसकी मृतक पत्नी को लेकर कुल्हाडीघाट पहुंचे है। उन्होने बताया कि सरकार द्वारा हम विशेष पिछडी कमार जनजाति के विकास के लिए अनेक योजनाए संचालित किया जा रहा है लेकिन इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बीएमओ मैनपुर डाॅ गजेन्द्र ध्रुव ने बताया
मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओे डाॅ गजेन्द्र नेगी ने बताया कि कल सोमवार को बल्दी बाई के नाती बहू चन्द्रबती सोरी को मैनपुर अस्पताल लाया गया था लेकिन उनकी स्थिति बेहद खराब थी इसलिए बेहतर ईलाज के लिए जिला अस्पातल भेजा गया था। और उन्हे शासन के स्वास्थ्य आयुष्मान योजना का तो लाभ मिलना ही था लेकिन उन लोग कैसे निजी अस्पातल पहुंचे इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है ।
डाॅ गजेन्द्र धु्रव बीएमओ मैनपुर
क्या कहते है कमार विकास अभिकरण के सदस्य
कमार विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी ने कहा कि विशेष पिछडी कमार जनजाति की महिला को प्रसव पीडा के दौरान मौत हो जाती है। और उन्हे सरकार की योजनाओं का लाभ न मिलना कई सवाल को खडे करता है और विशेष पिछडी कमार जनजाति के लोगो को मौत होने के बाद उधार बाडी कर लाश को घर तक लाना पडा़। उन्होंने कहा इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव एंव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करेंगे ।
पिलेश्वर सोरी सदस्य कमार विकास अभिकरण गरियाबंद