Recent Posts

November 20, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

जिला शिक्षाधिकारियों को आकलन की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए सतत मानीटरिंग की जरूरत

1 min read
  • प्रकाश झा, बिलासपुर
  • स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने वेबिनार के जरिये ली बैठक

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर नवीन आकलन क्या, क्यों और कैसे विषय पर आयोजित वेबीनार में जिला शिक्षा अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला ने कहा कि आकलन प्रति माह फरवरी तक किया जाएगा। जो बच्चे ऑनलाइन या आफलाइन अध्ययनरत हैं उनके संबंध में डीएमसी से भी उनकी समस्या सुझाव पर चर्चा की। जिला शिक्षा अधिकारियों को आकलन की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए सतत मानीटरिंग करने के लिए निर्देशित किया।

डॉ. आलोक शुक्ला ने वेबीनार के माध्यम से चर्चा करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के बावजूद भी शिक्षकों द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए अनेक नवाचार किए गए। राज्य द्वारा भी लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं संचालित की गई ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो पाए। उन्होंने कहा कि इन नवाचारी प्रयासों का बच्चों के सीखने पर क्या प्रभाव पड़ा है इसको हम सब और शासन जानना चाहता है। इसके लिए नवीन आकलन की प्रक्रिया अपनाई गई है।

नवीन आकलन की प्रक्रिया बहुत ही महत्वपूर्ण, सरल, लचीली और फार्मेटिव है, जो रटने पर आधारित न होकर दक्षता आधारित है। दक्षताओं का निर्धारण लर्निंग आउटकम्स के आधार पर कक्षावार, विषयवार निर्धारित किया गया है। एक विषय की सभी कक्षाओं की दक्षताएं एक समान है किन्तु कक्षावार कठिनाई स्तर बढ़ता जाता है। इस प्रक्रिया में अंकों के स्थान पर चार स्तर का निर्धारण किया गया है। प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग स्माइली बनाए गए है। प्रथम स्तर-मदद की आवश्यकता है, द्वितीय स्तर-बुनियादी समझ है, तृतीय स्तर-अपेक्षा के अनुरूप करता है और चतुर्थ स्तर-गहरी समझ है।

इस प्रकार के आकलन से यह पता चलता है कि बच्चे सीखने के किस स्तर पर है जिसके आधार पर आगामी रणनीति तय की जा सके। बच्चों का आकलन कैसे करें, आकलन से प्राप्त डाटा की एन्ट्री कैसे की जाए। इस संबंध में 7 मिनट का वीडियो का प्रदर्शन भी किया गया और वेबीनार में उपस्थित राज्य के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी के प्रश्नों का समाधान किया गया। इस अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के संचालक डी. राहुल वेंकट, अतिरिक्त संचालक आर.एन. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे सहित एनआईसी और एससीईआरटी के अकादमिक सदस्य उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *