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November 20, 2024

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पर्यटन स्थल सतरेंगा में शीघ्र शुरू होगा क्रूज टूरिज्म

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  • रायपुर, 04 नवम्बर 2020

छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में देश और विश्व के मानचित्र में स्थान दिलाने के लिए पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू नेतृत्व में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल निरंतर प्रयासरत है। ट्राईबल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और वाटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की परियोजना पर पर्यटन विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। इसी क्रम में कोरबा जिले के सतरेंगा में वाटर टूरिज्म का ई-लोकार्पण एक नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया।

एस.ई.सी.एल. ने सी.एस.आर. मद से सतरेंगा में पर्यटन के विकास के लिए 9.43 करोड़ की की राशि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल को दी। इससे शीघ्र ही सतरेंगा में क्रूज टूरिज्म की शुरुआत हो सकेगी, जो कि छत्तीसगढ़ पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित होगा। ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत सतरेंगा बोट क्लब एंड रिसॉर्ट का निर्माण कोरबा जिले के सतरेंगा में किया गया है।

शीशल शिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

रायपुर, 04 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड बस्तर जिले के परचनपाल शिल्पग्राम में शीशल शिल्प कला प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज शुभारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर श्री कश्यप ने कहा कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में हस्तशिल्प विकास बोर्ड लोगों को रोजगार व्यवसाय से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चन्दन कश्यप ने शिल्पग्राम परचनपाल स्थित सबरी एम्पोरियम का भी अवलोकन किया। उन्होंने शिल्पियों से चर्चा के दौरान कहा कि हस्तशिल्प उत्पादों की क्रय दर में वृद्धि किए जाने की बात कही। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड जगदलपुर के श्री एल.एस. वट्टी ने बताया कि शिल्पग्राम परचनपाल में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 20 हितग्राहियों को दो माह तक शीशल शिल्प कला का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक शिल्पी को प्रतिमाह 7200 रुपए की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), नई दिल्ली के सहायक निदेशक श्री लाखन सिंह मीणा, हस्तशिल्प प्रमोशन अधिकारी श्री रेवती नंदन देवांगन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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