डालमिया भारत सीमेंट मे ठेका कर्मचारियों का काम बंद करने धरना-प्रदर्शन
श्रमिक संगठनों से बातचीत के बाद ईडी सुनील गुप्ता ने दिया समाधान का आश्वासन
राजगांगपुर। राजगांगपुर स्थित डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड के ठेका श्रमिकों ने अपनी मॉगो को लेकर काम बंद कर कंपनी के मुख्य द्वार पर धरना एवं प्रदर्शन किया। इस बात को लेकर गॉगपुर श्रमिक संघ ने कई बार कंपनी प्रबंधन को अपनी मॉगो से अवगत कराया था, पर काफी समय बीतने के बाद भी इस पर कोई सुनवाई नही होने पर मजबूरन श्रमिक संघ को हस्तक्षेप करना पड़ा। गॉगपुर श्रमिक संघ के सभापति शांतनु महापात्र के अनुसार करीब सोलह बार डालमिया प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बावजूद समाधान की न ही कोई ठोस पहल हुई ना ही समाधान का कोई आश्वासन ही मिला।
संघ के सभापति शांतनु महापात्र के अनुसार ठेका श्रमिकों के वेतन मे वृद्धि सहित पुराने कर्मचारियों को स्थाई करने एवं श्रमिकों को सुरक्षा संबधित उपकरण मुहैया कराने जैसी मूल भूत सुविधाऐं प्रदान कराना मुख्य मांग है। इन्ही मॉगों को लेकर गॉगपुर श्रमिक संघ के नेतृत्व मे सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों ने कंपनी के मुख्य द्वार पर काम बंद कर धरना प्रदर्शन किया। इस विषय को संग्यान मे लेते हुए डालमिया भारत सीमेंट के कायर्कारी निर्देशक सुनील कुमार गुप्ता ने त्वरित कार्यवाही करते हुए श्रमिक संघ के पदाधिकारियों के साथ सार्थक बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए सामाधान का आश्वासन दिया। श्री गुप्ता ने कहा कि कंपनी सदा से ही अपने कमर्चारियों एवं श्रमिकों के हित की पक्षधर रही है। उनके हित साधन के लिए काम करती रही है। श्री गुप्ता के अनुसार कंपनी अपने श्रमिकों की मॉगों पर गंभीरता से विमर्श करने बाद वेतन मे तकरीबन दुगुनी वृद्धी सहित अन्य सुविधा मुहैया कराने पर विचार कर रही है,जिसके लिए सार्थक बातचीत की आवश्यकता है ना की आंदोलन की। श्रमिक संघ के पदाधिकारियों सहित कंपनी प्रबंधन के बातचीत के बाद प्राप्त आश्वासन के आधार पर संघ ने 31 अगस्त तक धरना को स्थगित कर दिया। वहीं श्रमिक संघ ने इस विषय पर कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसके बाद भी कमर्चारियों के हित की अनदेखी की गई तो इसका परिणाम भयावह होगा ।बातचीत के आश्वासन एवं समाधान की दिशा मे सार्थक पहल के बाद श्रमिकों ने धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया। फिलहाल तो इस आक्रोश को रोकने मे कंपनी प्रबंधन कामयाब हो गई परंतु अगर इस विषय पर गंभीरता से काम नहीं हुआ तो यह ज्वालमुखी फिर से फूट पड़ेगी।