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December 25, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

CM बघेल से कोरोना काल में वेब मीडिया के पत्रकारों को फ्रंट लाइन में बिना भेदभाव इंपैनल और अधिमान्यता के श्रेणी से हटा जोड़े जाने की मांग : वेब मीडिया प्रकोष्ठ

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  • मध्यप्रदेश सरकार को इस दिशा में आदेश जारी करने पर बधाई देते हुए छःत्तीसगढ़ सरकार से भी जल्द आदेश जारी करने की मांग की : सरनजीत सिंह तेतरी
  • 2020 में तकनीकी खामियों के चलते जो वेब मीडिया इम्पैनल नहीं हुए सरकार उन्हें भी तत्काल इपैनल करे : भारत योगी
  • 20 -25 साल की पत्रकारिता कर चुके जर्नलिस्ट वेब मीडिया में सक्रिय : अमित मिश्रा

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इंडियन जर्नलिस्ट फेडरेशन आई जे एफ ने कोरोना काल मे वेब मीडिया के पत्रकारों को फ्रंट लाइन में बिना भेदभाव के इंपैनल ओर अधिमान्यता के श्रेणी से हटाकर जोड़ ने की मांग की है। मध्यप्रदेश सरकार को इस दिशा में आदेश जारी करने पर बधाई देते हुए छःत्तीसगढ़ सरकार से भी जल्द आदेश जारी करने की मांग की है। इंडियन जर्नलिष्ट फेडरेशन की वेब मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी सरनजीत तेतरी सयोजक भारत योगी सह सयोजक अमित मिश्रा ने कहा कि वेब मीडिया को प्रेस परिवार से अलग नहीं किया जा सकता है संकट की घड़ी में सरकार उन्हें फ्रंट लाइन में शामिल करें। 20 से 25 साल की पत्रकारिता कर चुके जर्नलिष्ट वेब मीडिया में सक्रिय है। जनसपंर्क विभाग ने इंपैनल विज्ञापन के लिए किया है।

सुविधा और अधिकार के लिए नहीं सरकार वेब पोर्टल के पत्रकारों को फ्रंट लाइन सुविधा में शामिल करें। जो आज इंपैनल नही हुए है। उन्हें भी इंपैनल करे। सरकार ने पिछले साल 2020 में इंपैनल किया था। जिसमे तकनीकी दिक्कत के कारण बहुत लोग इंपैनल नही हो पाए थे। सभी को इंपैलन करे और हिट के आधार पर विज्ञापन् दे। लेकिन सिर्फ इंपैनल नहीं है बोलकर उन्हें फ्रंट लाइन से बाहर नहीं कर सकते।

संकट के दौर में अधिमान्यता ओर इंपैनल कोई मायने नहीं रखता है। इंडियन जर्नरलिस्ट फेडरेशन प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ साथ वेब मीडिया की लड़ाई भी लड़ेगा। हर परिस्थिति में प्रत्येक पत्रकार और मीडिया कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

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