आरक्षण और परंपरागत अधिकारों की उठी मांग, राष्ट्रीय मछुआरा दिवस पर वीआईपी कार्यालय में मंथन
- एनएफडीबी का केंद्रीय कार्यालय दिल्ली व राज्यों में झेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की मांग उठी
लखनऊ। विकासशील इंसान पार्टी के गोमती नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय मछुआरा दिवस के अवसर पर वीआईपी प्रदेश अध्यक्ष चौ० लौटनराम निषाद जी की अध्यक्षता में संघोष्ठी संपन्न हुई, जिसमें निषाद मछुआरा समाज के आरक्षण व परंपरागत अधिकारों पर परिचर्चा हुई। संगोष्ठी में केंद्र व प्रदेश सरकार से मझवार, तुरैहा, गौंड जाति को परिभाषित कर मल्लाह, केवट, विंद, माझी, धिवर, कहार, गोडिया, तुरहा, रैकवार, आदि को एससी आरक्षण दिए जाने की मांग की गई।
राष्ट्रीय मछुआरा दिवस के अवसर पर सरकार से मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने, राष्ट्रीय मछुआरा आयोग का गठन करने, मत्स्य बीमा योजना शुरू करने, केंद्र में अलग से मत्स्य मंत्रालय बनाने, एनएफडीबी का केंद्रीय कार्यालय दिल्ली व राज्यों में झेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की मांग उठी।
प्रदेश अध्यक्ष चौ० लौटनराम निषाद ने सभी राजनीतिक दलों पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी ने अनुसूचित जाति के आरक्षण का वादा किया परन्तु किसी ने भी पूरा किया कराया नही, भाजपा ने 5 अक्तूबर 2012 को फिशरमैन विजन डॉक्यूमेंट/ मछुआरा दृष्टि पत्र जारी करते हुए सकल्प लिया था कि 2014 में सरकार बनने पर आरक्षण की विसंगति दूर की जायेगी और नीली क्रांति को विकसित कर मछुआरो का आर्थिक उन्नयन किया जाएगा। कहा कि राम की नैय्या को निषादराज ने पार लगवाया परंतु निषादों की नैया मझधार में फंसी हुई है।
मत्स्य पालन हेतु तालाबों, पोखरों का पट्टा परंपरागत मछुआरों को मिलना चाहिए परंतु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में तालाबों पर गैर मछुआ मत्स्य माफियाओं का कब्जा हो गया, संघोष्ठी में मुख्य रूप से वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह संतोष सहनी एवम युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष साहनी उपस्थित रहे, संचालन राकेश मल्लाह व धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती मंजू कश्यप ने किया। संघोष्ठी को राधेश्याम निषाद, दयाराम निषाद एडवोकेट, श्रीमती शिव बलि कश्यप, इं सौरभ निषाद, सुभाष निषाद, जयप्रकाश निषाद, रामानुज निषाद, डॉ० कौशन किशोर धीमान, विरेंद्र कश्यप आदि ने संबोधित किया।