रास में बीजद ने की ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
1 min readनयी दिल्ली। हाल ही में आए फोनी चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित तटीय राज्य ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बृहस्पतिवार को राज्यसभा में उठी । उच्च सदन में बीजद के प्रशांत नन्दा शून्यकाल के दौरान यह मांग उठाते हुए कहा कि तटीय राज्य ओडिशा पर प्राकृतिक आपदाओं का कहर आए दिन टूटता है। उन्होंने कहा कि चक्रवात, तूफान, बाढ़, सूखा जैसे विषम हालात की वजह से राज्य के लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रशांत नंदा ने कहा कि ओडिशा ने 98 चक्रवातों का सामना किया है और हाल ही में फोनी चक्रवात ने तटीय राज्य को गंभीर स्थिति में पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से राज्य की अवसंरचना तबाह हो जाती है और बार बार नए प्रयास करने पड़ते हैं। विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए जो स्थितियां तय हैं, ओडिशा में वही हालात हैं। नंदा ने कहा कि आए दिन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले, जनजातीय बहुल इस राज्य के विकास के लिए जरूरी है कि इसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि वह ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दे। अन्नाद्रमुक सदस्य ए के सेल्वाराज ने तमिलनाडु के तटीय इलाकों में रहने वालों को हर साल बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को आवास सुविधा देने के लिए केंद्र से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ाने की मांग की। बीजद की सरोजिनी हेम्ब्रम ने कहा कि ओडिशा में भी फोनी चक्रवात की वजह से कई लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए जाने चाहिए तथा आवास के लिए राशि भी बढ़ाई जानी चाहिए। जदयू की कहकशां परवीन ने लोहार समुदाय के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि टाइंिपग टाइंिपग के दौरान त्रुटि होने की वजह से लोहार की जगह लोहारा लिखा गया जिसके कारण लोहार समुदाय आरक्षण के लाभ से वंचित है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इस समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची से हटा कर अनुसूचित जनजाति समुदाय की सूची में डालने के लिए प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने अनुरोध किया की टाइंिपग की त्रुटि दूर कर इस समुदाय को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।सदन के नेता एवं सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे।शून्यकाल में ही माकपा के विनय विश्वम ने केरल के उन 243 तमिलों का मुद्दा उठाया जो बेहतर रोजगार के लिए न्यूजीलैंड गए थे। विश्वम ने कहा ‘‘इन तमिलों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इन्हें भेजने वाले एजेंटों ने प्रत्येक से भारी रकम ली थी। अब इनके परिजन परेशान हैं। ’’ उन्होंने अनुरोध किया कि सरकार को इन 243 तमिलों का पता लगाना चाहिए। भाजपा के विजयपाल ंिसह तोमर ने फसलों पर कीटनाशकों के उपयोग के संबंध में नियमन की मांग की। उन्होंने कहा कि ये कीटनाशक न केवल भूमि की उर्वरता खत्म कर रहे हैं बल्कि मनुष्यों और पशुओं में कई गंभीर बीमारियों की वजह भी हैं। मनोनीत नरेंद्र जाधव ने मराठी भाषा को प्राचीन भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने एक प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा है जिस पर विचार किया जाना चाहिए। कांग्रेस के पी भट्टाचार्य ने बंद पड़े और बीमार चाय बगानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन बगानों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के हितों को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह इन बगानों को अपने नियंत्रण में ले ले। इसी पार्टी के मोहम्मद अली खान ने तेलंगाना की कालेश्वरम परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने और प्राथमिकता के साथ इसे पूरा करने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी ने ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबलों और बिस्तरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को साफ-सुथरे कंबलों और बिस्तरों की आपूर्ति की जानी चाहिए।