जर्जर स्कूल भवन – जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने आदिवासी छात्र छात्राएं विवश
- शिक्षा विभाग को है किसी दुर्घटना का इंतजार
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। एक तरफ राज्य के विष्णुदेव सरकार द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि जर्जर स्कूल भवनों में स्कूल का संचालन नही किया जाए बावजूद इसके गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनांचलों में, स्कूल भवन के अभाव में जर्जर स्कूलो में जान जोखिम में डालकर आदिवासी क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई करने मजबूर हो रहे है। इसकी सारी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद भी शायद विभाग कोई बडी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 32 किलोमीटर दुर ग्राम मोगराडीह प्राथमिक शाला भवन बेहद जर्जर हो गया है। इस भवन के छत दयनीय स्थिति में पहुच गया है, पानी का लगातार रिसाव हो रहा है। आज गुरूवार को स्कूल के छत प्लास्टर फिर टुटकर गिरा हालांकि यह तो खुशकिस्मती रही कि किसी बच्चे उपर प्लास्टर नहीं गिरा नहीं तो बड़ी दुर्घटना घट जाती। ग्राम पंचायत भुतबेडा के आश्रित ग्राम मोंगराडीह में प्राथमिक शाला भवन एवं मिडिल स्कूल भवन बेहद जर्जर हो गया है।
इस जर्जर स्कूल में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है शासकीय प्राथमिक शाला मोगराडीह में कुल दर्ज संख्या 45 छात्र छात्राओं की है, आदिवासी बाहुल्य इस ग्राम में अभी तक शासन द्वारा शिक्षक की व्यवस्था नहीं किया गया है। वर्तमान में अध्यापन के लिए व्यवस्था के लिए दो शिक्षक नियुक्त किया गया है और मिडिल स्कूल भवन भी जर्जर हो गया है। यहां के ग्रामीणों ने कई बार शिक्षक विभाग के जिला अधिकारी से लेकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी तक को जर्जर भवन के बारे में लिखित में आवेदन देकर थक चुुके है। स्कूल जतन योजना के तहत करोड़ों रूपये स्कूलों के मरम्मत के लिए खर्च किया गया लेकिन यहां स्कूल भवनों की क्यों मरम्मत नही कराई गई यह अपने आप में एक सवाल है।
- स्कूल जाते ही पालकों में डर बना रहता है
ग्रामीण महेश सुर्यवंशी, मयाराम नेताम, अशोक कुमार, बालाराम, सरपंच अजय नेताम ने बताया कि स्कूल भवन इतना जर्जर हो गया है कि बारिश की पानी स्कूल के भीतर झरने की तरह बह रही है और छत जर्जर होने के कारण जगह जगह से प्लास्टर टुटकर गिर रहे है। स्कूल बच्चों को भेजने से पहले माता पिता को डर बना रहता है इस स्कूल भवन की छत इतना जर्जर हो गया है कि ऐसा लगता है कि कभी भी छत गिर जायेगी और जान जोखिम में डालकर आदिवासी बच्चे अपने सुनहरे भविष्य गढ रहे है।
- जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने बताया
जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने बताया कि मोगराडीह जर्जर स्कूल भवन के सबंध में कई बार अधिकारियों को आवेदन देकर थक चुके है लेकिन कोई ध्यान नही दिया जा रहा है शायद विभाग के अधिकारी कोई बडी दुर्घटना का इंतजार कर रहे है, श्री नेताम ने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए स्कूल भवन बेहद जरूरी है।
- क्या कहते है अधिकारी
मैनपुर विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयंक शिवकुमार नागे ने बताया कि जर्जर स्कूल के सबंध में पहले ही उच्च अधिकारियों को लिखित में जानकारी भेजा जा चुका है कल ही जाकर स्कूल का फिर निरीक्षण करूंगा।