दिलीप पटेल पर लगा फिर एक आरोप सरकारी घर लेकर भी सरकार से पैसे लिया
- ब्रजराजनगर.
ब्रजराजनगर नगरपालिका के पूर्व निर्वाही अधिकारी दिलीप पटेल का इन दिनों विवादों के साथ चोली दामन का साथ जैसा चल रहा है अभी गत दिनों वे अवेध संपत्ति रखने के आरोप में सतर्कता विभाग के हत्थे चढ़े ही थे कि फिर एक नया आरोप ओर भ्रष्टाचार को लेकर उनका नाम सुर्खियों में है। पूर्व निर्वाही अधिकारी दिलीप पटेल को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 2 सितंबर को आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत पर विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. विजिलेंस ने उनके पास से 3 करोड़ 35 लाख 82 हजार 641 रुपये की संपत्ति जब्त किया है. अब दिलीप पटेल एक और नये विवाद में घिर गए हैं. ब्रजराजनगर के एक स्वयंसेवी द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार दिलीप पटेल पहले झारसुगुड़ा नगरपालिका में विगत 1 मार्च 1989 से कम्युनिटी अर्गनाइजर के तौर पर कार्य आरंभ किया था. इसके बाद 31 अगस्त 2005 को सुंदरगढ़ नगरपालिका में कम्युनिटी अर्गनाइजर के तौर पर तबादला हुआ था.
बाद में विगत 18 दिसंबर 2014 से श्री पटेल ब्रजराजनगर नगरपालिका में निर्वाही अधिकारी के तौर पर पदस्थ थे. झारसुगुड़ा नगरपालिका में कम्युनिटी अर्गनाइजर के तौर पर काम करते समय वह नगरपालिका के एक क्वार्टर में रहते थे. सूचना अधिकार कानून से मिली तथ्य के अनुसार दिलीप पटेल को सरकारी क्वार्टर प्रदान करने के लिए नगरपालिका की ओर से कोई काउंसिल रेजुलेशन नहीं किया गया है, और ना ही उन्हें क्वार्टर दिया गया है. यहां तक कि उक्त सरकारी क्वार्टर के लिए पटेल भाड़ा भी नहीं दे रहे थे. वर्ष 2014 से निर्वाही अधिकारी दिलीप पटेल घर भाड़ा बाबद में अबतक 1 लाख 53 हजार 436 रुपये ले चुके हैं.
इसके साथ टीए/डीए बाबद में 4 लाख 44 हजार 813 रुपये प्रदान किए जाने की आरटीई से सूचना मिली है. एक अधिकारी द्वारा झारसुगुड़ा में सरकारी क्वार्टर पर कब्जा किए जाने तथा ब्रजराजनगर में घर भाड़ा बाबद में लाखों रुपये लिए जाने को लेकर चर्चाएं की बाजार गर्म है तथा मामले की निष्पक्ष जांच की मांग
उठने लगी है. बतादे की ब्रजराजनगर नगरपालिका के पूर्व निर्वाही अधिकारी दिलीप पटेल के पास ब्रजराजनगर में भी ओपीएम का एक बंगलो है जिसमे उनका कब्जा है यह बंगला हर निर्वाही अधिकारी को ओपीएम द्वारा दिया जाता है।जिसपर दिलीप पटेल के पास इस बंगले को भी स्तेमाल किया जा रहा था।और फिर सरकारी क्वाटर को भी रखना लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।जिसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।