Recent Posts

November 22, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

गरियाबंद पुलिस की सक्रियता से ढेड़ दशक बाद फिर गुलजार हुआ उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व क्षेत्र, साल भर में पहुंचे हजारों पर्यटक

1 min read
  • विदेशी सैलानियों ने भी ट्रैकिंग और तीरंदाजी का उठाया लुफ्त
  • दुर्गम पहाड़ी ओड़ आमामोरा पहुंचकर इटली से पहुंचे विदेशी पर्यटकों ने विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के ग्रामीणों के जनजीवन शैली को नजदीक से देखा
  • शेख हसन खान, गरियाबंद 

गरियाबंद। डेढ़ दशक बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश के उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व क्षेत्र एक बार फिर गुलजार हुआ है क्योंकि पुलिस की कारगर रणनीति के चलते नक्सलियों ने अपना डेरा समेटा और वन अभ्यारण्य प्रशासन ने यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करा दी है जिसमें चलते पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पिछले 15- 16 माह में लगभग 3000 पर्यटक उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व क्षेत्र पहुंचे हैं दो दिन पहले इटली से आए पर्यटकों ने प्रकृति को करीब से देखा और यहां तीरंदाजी का लुफ्त भी उठाया। ज्ञात हो कि 27 व 28 जनवरी को अगोरा ईको टूरिज्म, एनजीओ नोवा नेचर एवं वन प्रबंधन समिति ओढ़ की ओर से आयोजित की गई ट्रेकिंग में 20 पर्यटकों ने भाग लिया, जिसमें 05 इटली के पर्यटक शामिल थे. ऊंची पहाड़ी व घने जंगल व प्राकृतिक झरनों की सुंदरता के बीच यह ट्रेकिंग हुई. इस ट्रेकिंग में विदेशी सैलानियों ने क्षेत्र के वन्य जीवों, जैवविविधता और आदिवासी जनजीवन को करीब से देखा. वन परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ीघाट अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि ओड़ आमामोरा पहाड़ी के ऊपर पर्यटक कारीपगार बूढ़ाराजा, बनियाधस जलप्रपात को करीब से देखा. साथ ही स्थानीय जनजाति के साथ तीरंदाजी का भी लुफ्त उठाया।

इटली के पर्यटकों ने लकड़ी के चूल्हे में बने पोहा, अंडा भूंजी, देशी चिकन को डायनिंग के बजाए जमीन पर बैठकर पत्तल में खाया. भोजन तैयार करने खुद रसोइयों के साथ भिड़े रहे. जाते-जाते विदेशी पर्यटकों ने यहां की मनोरम छटा की तारीफ कर इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया.

  • पर्यटक आने लगे तो स्थानीय लोगों को मिलने लगा रोजगार

उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व गरियाबंद के उपनिदेश वरुण जैन बताते हैं कि सोढूर बांध में सितंबर 2022 से नौका विहार शुरू कर अभ्यारण्य में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ाना शुरू किया. फिर कोयबा में विरान पड़े रिसोर्ट को संधारण कराया. कायाकिंग, जिप्सी सवारी, ट्रेकिंग जैसे फैसलिटी खोल संचालन के लिए स्थानीय वन प्रबंधन समिति के लगभग 70 लोगों को रोजगार से सीधा जोड़ा गया. इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं. शुरुआती दिनों में इनकम नहीं दिख रहा था. अब आमदनी दिखना शुरू हो गई है. रिकाॅर्ड के मुताबिक, पिछले 4 माह में समितियों को सारे खर्च काटकर 2 लाख से ज्यादा की आमदनी हुई है. जैन ने कहा, सोशल साइट पर ऑनलाइन बुकिंग के अलावा एनजीओ व पर्यटन से जुड़े एनजीओ से भी कॉन्टेक्ट किया गया है. पिछले दो माह में इसका नतीजा भी सामने आया है. 16 महीने में यहां करीब 3 हजार पर्यटक पहुंचे हैं. उम्मीद है आगे भी पर्यटक बढ़ेंगे.

  • उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व क्षेत्र को गुलजार करने में पुलिस की अहम भूमिका

मिली जानकारी के अनुसार 2007-8 में नक्सलियों में धीरे-धीरे क्षेत्र अपना पैर पसारना चालू किया। 2013 में उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व अभ्यारण्य क्षेत्र नक्सलियों का अड्डा बन गया था क्षेत्र के घने जंगल व भीतर में मौजूद 100 गांव के अलावा ओड़िशा को जोड़ने वाले पगडंडी रास्ते के कारण इसे बेहतर ठिकाना माना गया. 2018 तक इनका दबदबा बना रहा। फिर पुलिस की कारगर रणनीति बनी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरियाबंद अमित तुकाराम कांबले ने बताया कि पिछले एक साल में टाइगर रिजर्व के ओढ़, छिदौला में दो बड़े कैंप खोलने के साथ अभ्यारण्य में 5 कैंप हो गए हैं. जिले में कुल 9 कंपनी तैनात हैं. हम अब हर मोर्चे पर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. जिले की सीमा में अब इनका स्थायी ठिकाना नहीं रहा. इनकी गतिविधियों पर हमारी पैनी नजर बनी हुई है. हमारा प्रयास लगातार जारी है. इसी के चलते अब यहां नक्सलियों की आमद रफ्तार में कमी आई है. डर व भय का वातावरण खत्म करने में हम सफल हुए हैं.