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November 19, 2024

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ED ने की पूर्व बसपा MLC की 1097 करोड़ की सात चीनी मिलें जब्त

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ED seizes seven sugar mills worth 1097 crore of former BSP MLC
ED seizes seven sugar mills worth 1097 crore of former BSP MLC

लखनऊ से सनसनी मामले आय है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मायावती सरकार में हुए करोड़ों के चीनी मिल घोटाले में कार्रवाई करते हुए BSP के पूर्व एमएलसी Mohamad Ekbal द्वारा खरीदी गई सात चीनी मिलों की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। इन संपत्तियों की कुल कीमत 1097 करोड़ रुपये के लगभग है। इस मामले में नीलामी प्रक्रिया में गलत ढंग से कुछ खास कंपनियों को प्राथमिकता देने की जांच सीबीआई भी कर रही है। सीबीआई जांच के आधार पर ही ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था। हैरत यह कि इन चीनी मिलों को BSP सरकार में महज़ 60.28 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था। इस नीलामी में 1030.72 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई।

CM योगी आदित्यनाथ ने 12 अप्रैल 2018 को चीनी मिल घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी थी। इसके बाद सीबीआई इसकी जांच कर रही थी। यह घोटाला मायावती सरकार में वर्ष 2010-11 के बीच हुआ था। ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने बताया कि ईडी ने कारपोरेट मंत्रालय भारत सरकार के अधीन काम करने वाले ‘सीरियस फ्रांड इंवेस्टीगेशन आफिस’ द्वारा की गई तफ्तीश के आधार पर मनी लाण्ड्रिंग की एफआईआर दर्ज की थी।

इसमें BSP के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के अलावा उनके परिवारीजन और कुछ तत्कालीन सरकारी अधिकारी व कर्मचारी नामजद किए गए थे। जांच में पाया गया था कि मोहम्मद इकबाल की छद्म कंपनियां मेसर्स नम्रता मार्केटिंग प्रा. लि. और गिरिआसो कंपनी प्रा. लि. के जरिये चीनी मिलों की नीलामी में हिस्सा लिया गया और दोनों कंपनियों ने सात चीनी मिलों को औने-पौने दामों पर खरीद लिया। इसके लिए कई अन्य छद्म कंपनियों के जरिये धन जुटाया गया और फर्जी लेन-देन दिखाए गए।

ईडी ने जांच शुरू करते ही मोहम्मद इकबाल के साथ ही उनके परिजनों के बयान दर्ज किए। ईडी के मुताबिक मनी लाण्ड्रिंग की जांच में जिला रजिस्ट्री कार्यालयों, आयकर विभाग, बैंकों और कारपोरेट मंत्रालय के जरिये महत्वपूर्ण सुबूत जुटाए। ईडी ने मोहम्मद इकबाल के सहारनपुर और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापे मार कर अहम दस्तावेज व अन्य सामान बरामद किया।

ईडी ने जांच में पाया कि नम्रता मार्केटिंग प्रा. लि और गिरिआसो कंपनी प्रा. लि ने नीलामी प्रक्रिया में गलत ढंग से हिस्सा लिया। दोनों कंपनियों ने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की ओर से की गई नीलामी में कंपनियों के शेयरों के बारे में नीलामी के वक्त कोई जानकारी नहीं दी। न ही मुख्य प्रमोटरों के बारे में कुछ बताया। जांच में यह भी सामने आया कि इन दोनों कपंनियों में फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा ट्रांसफर किया गया। इन कंपनियों में ज्यादातर रकम नगद जमा की गई थी। साथ ही रकम को शेयर एप्लीकेशन के जरिये हासिल करना दिखाया गया, वह भी खासे ऊंचे रेट पर।

ईजी ने जांच में पाया है कि दोनों कंपनियों नम्रता मार्केटिंग और गिरिआसो प्रा. लि ने चीनी मिलें खरीदने के लिए सात कागज़ी कंपनियां खरीदी। इनमें प्रमुख रूप से अब्लेज़ शुगर मिल प्रा. लि, आदर्श शुगर सेल्युशन प्रा. लि, एजाइल शुगर इंडिया प्रा. लि, इकोन शुगर मिल्स प्रा. लि., मैजेस्टी शुगर सेल्युशन प्रा. लि., मैस्टिफ शुगर सेल्युशन प्रा. लि., ओकरा शुगर्स प्रा. लि. के नाम थे। मोहम्द इकबाल द्वारा इन कंपनियों को ही चीनी मिलें खरीदने के लिए स्पेशल परपस वैह्किल के रूप में दर्शाया गया। यह सभी कंपनियां एक ही दिन में बनाई गईं और वजूद में आईं।

इन सात चीनी मिलों को खरीदा

  1. लक्ष्मीगंज शुगर मिल कुशीनगर
  2. बरेली की सैदपुर और नेकपुर चीनी मिल
  3. देवरिया इकाई की सलेमपुर मझौली देवरिया मिल
  4. नानकगंज गुरुंट गोपामऊ हरदोई
  5. बाराबंकी की नवाबगंज चीनी मिल
  6. कुशीनगर पडरौना की रामकोला चीनी मिल
  7. कुशीनगर पडरौना की चिंतौनी इकाई चीनी मिल।

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