आजादी के 75 वर्षो बाद जंगल गांव में पहुंचीं बिजली
- आदिवासी ग्रामीणों के 20 वर्षो के संघर्ष के बाद ग्राम कारीडोंगरी में पहुंची बिजली की रौशनी
- भूपेश है तो भरोसा है के नारों से गूंज उठा जंगल के भीतर बसा गांव
- नवरात्र के प्रथम दिन पूजा अर्चना कर ग्राम कारीडोंगरी में बिजली पहुंचने पर ग्रामीणों ने मनाई जमकर खुशिया
- शेख हसन खान, गरियाबंद
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 25 किमी दूर ग्राम पंचायत मरदाकला के आश्रित ग्राम कारीडोंगरी मे आजादी के 75 वर्षो बाद बिजली की रौशनी पहुंची तो नवरात्र के प्रथम दिन ग्रामीणो ने पूजा अर्चना कर जहां गांव में बिजली का शुभारंभ किया वही दूसरी ओर जमकर खुशिया मनाई और बिहड़ जंगल के भीतर बसे गांव कारीडोंगरी भूपेश है तो भरोसा है के नारो से गूंज उठा।
ग्राम पंचायत मरदाकला के आश्रित ग्राम कारीडोंगरी जो बिहड़ जंगल के भीतर बसा हुआ है आज भी इस गांव मे पहुंचने के लिए पक्की सड़क और पुल पुलिया का निर्माण नही किया गया है। इस गांव के सैकड़ो आदिवासी ग्रामीणो द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से गांव मे बिजली लगाने की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे कई विधायक और सांसद को आवेदन मंाग पत्र देकर थक चुके थे लेकिन कभी भी इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया।
एक वर्ष पहले ग्राम के युवाओ ने युवा कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष यशवंत यादव एवं ग्राम अध्यक्ष नूतन मरकाम को समस्या से अवगत कराया तो ग्रामीणो के एक प्रतिनिधि मंडल को कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एवं बिजली विभाग के अधिकारियो से मूलाकात करवाया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम कारीडोंगरी मे बिजली समस्या को गंभीरता से लिया गया और पिछले छः माह के भीतर 60 से 70 बिजली के पोल लगाकर इस गांव मे बिजली पहुंचाई गई तथा चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन शनिवार को युवा कंाग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष यशवंत यादव, नूतन मरकाम व ग्रामीणो ने विधिवत पूजा अर्चना कर बिजली का शुभारंभ किया और गांव वालो ने जमकर खुशिया मनाई इस दौरान ग्रामीणो ने जोरदार नारे लगाये भूपेश है तो भरोसा है।
बिजली के शुभारंभ के अवसर पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष यशवंत यादव ने कहा पिछले 20 पिछले से ग्राम कारीडोंगरी के ग्रामीणो द्वारा बिजली लगाने की मांग को लेकर भाजपा के विधायक और सांसद को कई बार आवेदन दे चुके थे पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। महज छः माह पूर्व इस गांव मे बिजली की समस्या से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया गया तो छत्तीसगढ़ के संवेदनशील सरकार ने महज छः माह के भीतर इस दुर्गम जंगल के अंदर बसे गांव मे बिजली पहुंचाई है जिससे इस गांव के लोगों में भूपेश बघेल सरकार के प्रति भरोसा और बढ़ गया है अब बिजली लग जाने से गांव मे ट्यूबवेल के साथ स्कूली बच्चे आसानी से रात मे पढ़ाई कर सकेगे। पूरे गांववासियों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एवं बिजली विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया है। इस मौके पर प्रमुख रूप से यशवंत यादव, हुमन नागेश, नूतन मरकाम, नेपाल सोरी, बलिराम नेताम, चुन्नु यादव, अहिल्या नेताम, चैतीबाई नागेश, दुलार नेताम, रामसिंग नेताम, जगमोहन नागेश, रमाकांत पटेल, गयाराम नागेश, बैसाखुराम नागेश, गौतम नागेश, नकछेड़ा नेताम, रायसिंग नागेश, नकुल, भुनेश्वर पटेल, नरोत्तम नागेश, महेश नागेश, कृष्णा नागेश, नरसिंग नागेश, रामेश्वर नेताम, ललित, नुमेश नागेश व बड़ी संख्या मे ग्रामीण व पूरे गांव के लोग उपस्थित थे।