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November 19, 2024

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कृषकों की आय बढ़ाने, एकीकृत कृषि प्रणाली, फसल विविधता एवं उद्यानिकी प्रोत्साहन हेतु कृषि उद्यमिता विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र की हुई स्थापना

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • शुभारंभ कार्यक्रम में कलेक्टर आकाश छिकारा हुए शामिल

गरियाबंद । जिले के किसानों की आय बढ़ाने, एकीकृत कृषि प्रणाली का उपयोग करने, फसल विविधता अपनाने एवं उद्यानिकी प्रोत्साहन के लिए आज खरखरा के शासकीय उद्यान रोपणी में कृषि उद्यमिता विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया गया। कलेक्टर आकाश छिकारा ने फीता काटकर केंद्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उपस्थित किसानों को अपने इंच इंच भूमि का सदुपयोग करते हुए उन्नत कृषि के साथ पशुपालन, मछली पालन, लाख पालन, मशरूम उत्पादन, औषधीय पौधों की खेती आदि कार्य करते हुए अधिक आय अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उद्यमिता विकास केंद्र में किसानों को सब्जी फसलों के नर्सरी उत्पादन एवं प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण भी दिया गया। केंद्र में जिले के जलवायु एवं मौसमी उपयुक्तता के आधार पर उन्नत तकनीकों एवं नवाचार जैसे नर्सरी उत्पादन एवं प्रबंधन तकनीक, हाईटेक सब्जी उत्पादन इकाई, फल उत्पादन प्रसंस्करण तकनीक, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, लाख पालन, काली मिर्च उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, खरगोश पालन, बतख पालन, कुक्कुट सह मत्स्य पालन, मत्स्य स्पान उत्पादन इत्यादि का प्रदर्शन लगाकर किसानों के कौशल विकास किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विषय विशेषज्ञगण शामिल होकर किसानों को उन्नत तकनीक से कृषि करने के लिए मार्गदर्शन दिए। इस दौरान उप संचालक कृषि श्री संदीप भोई, सहायक संचालक मछली पालन श्रीमती मधु खाखा, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री मिथिलेश देवांगन सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी और जिले के कृषक गण मौजूद रहे।

शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्री छिकारा ने कहा कि किसान कृषि कार्य के अलावा कम जमीन पर भी नवाचार करते हुए बतख पालन, खरगोश पालन, दुग्ध उत्पादन, मशरूम उत्पादन एवं मत्स्य पालन आदि भी कर सकते है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है। उन्होंने पारंपरिक फसलों के अलावा हल्दी, अदरक, लेमन ग्रास, सर्पगंधा आदि अति फायदेमंद फसलों की खेती करने का किसानों को सुझाव दिया। उन्होंने किसानों को एक ही फसल और एक ही पद्धति पर निर्भर नहीं रहने की सलाह देते हुए विभिन्न कृषि गतिविधियों के माध्यम से अधिक मुनाफा कमाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसानों के नवाचार में जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी किसानों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर है। किसी भी प्रकार के किसी कृषि सलाह के लिए किसान संबंधित विभाग में संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान कलेक्टर ने एकीकृत कृषि के विभिन्न प्रकारों जैसे मछली पालन, खरगोश पालन, मशरूम उत्पादन, अमरूद जैम निर्माण, टोमैटो सॉस निर्माण आदि के उत्पादन विधि को बताने लगाए गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने नर्सरी परिसर का अवलोकन कर परिसर में आम का पौधा रोपण किया। इस दौरान उन्होंने नर्सरी में ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया का भी अवलोकन किया।

हल्दी, सर्पगंधा, लेमनग्रास एवं सतावर की खेती बहुत फायदेमंद- किसान रविशंकर सिंह*- कृषि उद्यमिता विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र के अवसर पर शामिल ग्राम नरतोरा के किसान श्री रविशंकर सिंह ने स्वयं के द्वारा खेती में किए गए नवाचार के अनुभव को किसानों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती के अलावा हल्दी, सर्पगंधा, लेमनग्रास एवं सतावर जैसे औषधीय पौधों की खेती में बहुत मुनाफा होता है। कम जमीन का उपयोग करते हुए भी किसान अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने धान के अलावा इन सभी पौधों की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया।