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November 20, 2024

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सामाजिक एवं मानवीय पृष्टभूमि को सुदृढ़ करते पुलिस जवान

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Police personnel strengthening social and human background

 महासमुँद ब्यूरो  (शिखा दास )। जिला शासकीय अस्पताल परिसर में हप्तों से अर्ध विक्छिप्त महिला जो कम कपड़ो में पड़ी हुई थी। तमाम डिग्रीधारी,शिक्षित, भद्रजन,शहरी, ग्रामीण और सरकारी मापदंड वाले गरीब नागरिकों का निरन्तर आवाजाही होते रहा किंतु किसी का भी दिल उक्त पीड़ित महिला के लिए नही पसीजा और आपको जानकर हैरानी होगी कि सखी वन स्टॉप हेल्प सेंटर भी इसी परिसर में मौजूद है। ऐसे में दिया तले अंधेरा का मुहावरा यहां उपयुक्त होगा। शासन, प्रशासन जहाँ चिकित्सकीय प्रणाली में सर्व मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कर रही है वही जिला अस्पताल के सेवको की ऐसे पीड़ित मरीजों के प्रति उदासीनता और संज्ञान में ना लाना उनके सेवा उद्देश्यों पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। यही कारण रहा है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा लगातार कसावट लाने औचक निरीक्षण किया जाता रहा है।

Police personnel strengthening social and human background

महासमुन्द पुलिस कार्यालय में कार्यरत जवान प्रकाश ठाकुर और अनिल यादव अपने निजी कार्यो से जिला चिकित्सालय पहुँचे थे| कार्य के उपरांत  जिला अस्पताल के बाहर अस्पताल परिसर में स्थित वाहन  पार्किंग स्थल में ऊंचे आवाज से किसी अज्ञात महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर जवानों द्वारा  समीप जाकर देखे तो एक असमान्य, अर्ध विक्छिप्त, अर्धनग्न मैले कुचैले कपड़ो एवं पैरों में बेड़ियानुमा लोहे के छल्ले पहनी एक महिला पड़ी मिली। उसके आसपास अस्पताल में भर्ती किये गए मरीजो के परिजन भी काफी संख्या में उपस्थित थे। जिनसे जवानों के द्वारा पूछताछ किया गया। जिन्होंने बताये की यह महिला पिछले 5-7 दिनों से यही पर पड़ी है। इसके बाद उपस्थित मरीजो के परिजनों के माध्यम से अर्ध विक्षिप्त महिला की पहचान के संबंद्ध में उस महिला से बातचीत कर पतासाजी करने का प्रयास किया गया, किन्तु कोई जानकारी प्राप्त नही हुआ। चुकी इसके पूर्व भी इन्ही जवानो द्वारा रेस्क्यु कर एक परिवार से बिछड़ी महिला कौशिल्या के परिजनों को ढूंढकर सकुशल उसके पुत्र निवासी रायपुर जिला तक पहुंचाए थे तथा उपचार हेतु उसे सखी सेंटर की मदद से रिम्स अस्पताल रायपुर में भर्ती करवाये थे। अतः उन्हें इस नवीन परिस्थिति के लिए ज्यादा होमवर्क नही करना पड़ा। किंतु उक्त महिला के द्वारा अपना नाम, पता व अन्य जानकारी का खुलाशा न करने पर पुलिस जवानों ने उक्त अज्ञात महिला के लिए शासन द्वारा संचालित सेवाओ के माध्यम से लाभावान्वित करने की मानवीय पहल प्रारंभ किया गया। पुलिस जवानों ने विधिवत उक्त महिला की जानकारी सर्वप्रथम सखी वन स्टॉप हेल्प सेंटर एवं जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर परदल को अवगत कराकर आवश्यक कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया। जिस पर विक्षिप्त महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कर चिकित्सक द्वारा उसकी जांच किया गया एवं विधिक सेवा प्राधिकरण की महिला स्टॉप श्रीमती गंडेचा मैडम की मदद से स्वास्थ परीक्षण, भोजन व्यवस्था कर अर्धविक्छिप्त महिला की पुनर्वास हेतु त्वरित अग्रिम कार्यवाही करते हुए डॉक्टरी दस्तावेजो के साथ उसे थाना महासमुन्द के पुलिस स्टॉफ के माध्यम से माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  न्यायालय महासमुन्द के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मान0 न्यायालय के आदेशानुसार उक्त महिला का मनोरोग उपचार हेतु राज्य मनोरोग चिकित्सालय सेन्द्री बिलासपुर महिला आरक्षक के माध्यम से रवाना किया गया। उक्त सम्पूर्ण मानवीय और रेस्क्यु कार्यवाही में पुलिस कार्यालय के प्रधान आरक्षक प्रकाश सिंग ठाकुर, आरक्षक अनिल यादव, महिला सैनिक शाइनी बाघ,  पैरालीगल एडवाइजर श्रीमती गंडेचा मैडम, सखी वन स्टॉप सेंटर प्रभारी एवं थाना कोतवाली स्टॉप की महत्वपूर्ण भूमिका सराहनीय रही। कृपया जानकार/परिजन महिला के फ़ोटो से पहचान उपरांत बिलासपुर स्थित सेन्द्री में सम्पर्क स्थापित कर सकते है।

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