पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी 41 वर्ष पूर्व गरियाबंद जिले के तौरेंगा पहुंचे थे लेकिन समस्याओं के मकड़जाल में फंसा गांव
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- छत्तीसगढ़ में भाजपा के सरकार बनने के बाद तौरेंगा ग्राम के लोगों को जगी है विकास की उम्मीद
गरियाबंद। आज 25 दिसंबर को पुरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत विशेष पिछडी जनजाति ग्राम तौरेंगा में आज से 41 वर्ष पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी पहुंचे थे।
लेकिन ग्राम तौरेंगा में आज तक मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। केन्द्र में भाजपा का सरकार है और तो और छत्तीसगढ राज्य में भी भारी बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी है तथा प्रदेश की बागडोर आदिवासी CM विष्णदेव साय के हाथों में है ऐसे में अब तौरेंगा के विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगो को सरकार से विकास की उम्मीद बंधी है।
तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 22 किमी दूर नेशनल हाइवे 130 सी किनारे स्थित ग्राम तौरेंगा एक ऐसा गांव है जिसे प्रदेश देश और विदेशो में भी जाना जाता है। कारण तौरेंगा स्थित वन विभाग विश्राम गृह का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। 41 वर्ष पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी ओड़िशा से कार के माध्यम से रायपुर लौटते समय तौरेंगा विश्राम गृह मे 4 -5 घंटे रूककर यहां के ग्रामीणों से मूलाकात किया था और उनके समस्याओं के संबंध में उनसे चर्चा भी किया था अटल जी 1977 से 1979 तक देश के विदेश मंत्री रहे इसलिए उन्हे क्षेत्र की जनता उस समय भी भली भांति जानते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के तौरेंगा आने की खबर लगते ही तत्कालीन भाजपा के मंडल मैनपुर अध्यक्ष स्वर्गीय कंवलदास वैष्णव के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता और क्षेत्र के वरिष्ठ लोगों ने अटल जी से तौरेंगा स्थित वन विभाग के विश्राम गृह में मूलाकात किये थे। तस्वीर खिचवाई थी जो आज भी पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष स्वर्गीय कंवलदास वैष्णव के निवास में लगा हुआ है।
गरियाबंद जिले के भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधर सिन्हा ने चर्चा करते हुए बताया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जुलाई माह 1982 में ओड़िशा से लौटते समय तौरेंगा विश्राम गृह में रूके थे और क्षेत्रवासियो ने उनका जोरदार स्वागत किया था यहां से जब अटल जी रायपुर के लिए रवाना हुए तो उन्होंने अपना चश्मा तौरेंगा विश्राम गृह में छोड़कर चले गये थे जिसे उस समय वन विभाग के अधिकारी द्वारा मोटर साइकिल से रायपुर तक पहुंचाया गया था।
गांव के उपर से बिजली की तार गुजरी है पर तौरेंगा में अंधेरा छाया हुआ है
ग्राम तौरेंगा में आज तक बिजली की रौशनी नहीं पहुंची है। यह ग्राम पंचायत में 50 प्रतिशत आबादी विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासियों की है और सबसे मजेदार बात यह है कि इस गांव के ऊपर से होकर 132/33 केव्ही विद्युत केन्द्र में बिजली की हाईटेंशन तार गई है इसके बावजूद दिया तले अंधेरा को यह गांव चरितार्थ कर रहा है। ग्राम पंचायत तौरेंगा कि जनसंख्या लगभग 1830 के आसपास है। ग्राम तौरेंगा मूलभूत बुनियादी सुविधाओ के लिये तरस रहा है स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल, राशन जैसे मूलभूत सुविधाएं इन्हे उपलब्ध नही हो पा रही है जबकि यह गांव नेशनल हाइवे मे बसा होने के कारण आये दिनों बड़े अफसर व भाजपा के सांसद – विधायक इस ग्राम से होकर गुजरते हैं और यहां के ग्रामीण हमेशा इस ग्राम मे बिजली लगाने की मांग प्रमुखता के साथ करते है। ग्राम पंचायत तौरेंगा के सरपंच परमेश्वर नेताम, उपसरपंच अनूप कुमार कश्यप ने बताया कि इस गांव की सबसे पुरानी मांग बिजली की है।
- तौरेंगा में अटल जी की प्रतिमा जल्द लगाई जायेगी – पंडित योगेश शर्मा
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी तौरेंगा आये थे जो हमारे क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है क्योकि अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य की सौगात प्रदेश को दिया है। श्री शर्मा ने कहा कि जल्द ही छत्तीसगढ के नये मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे और उन्हे तौरेंगा ग्राम की मूलभूत समस्याओं से अवगत कराते हुए इस गांव को आदर्श अटल ग्राम के रूप में विकसित करने की मांग करेंगे साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का यहा विशाल प्रतिमा भी लगायेंगे ।