गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक में सैकड़ों सहायक शिक्षकों को नियम विरूद्ध मिल रहा है क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ
1 min readमुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छुरा एवं विकास खंड शिक्षाधिकारी का मिली भगत उजागर…
माननीय न्यायालय के आदेश का हवाला देकर कर दिया गया नियम विरुद्ध क्रमोन्नत वेतनमान…
Gariyaband. शासन को गुमराह कर जारी कर दिया क्रमोन्नत वेतनमान…
नियमतः न्यायालय के आदेश का जिला कलेक्टर से परीक्षण करना भी मुनासिब नहीं समझा जिम्मेदार अधिकारी…
अधिकारियों की काली कारनामा हुआ उजागर
शासन ने 52 शिक्षाकर्मियों को नियम विरूद्ध क्रमोन्नत वेतनमान जारी करने के कारण जनपद पंचायत छुरा के सी ई ओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।लेकिन यह मामला केवल 52 शिक्षकर्मियो में नहीं रुकता है।यह मामला कोर्ट प्रकरण का है।माननीय हाई कोर्ट ने 4 माह में नियमानुसार कार्यवाही कर अवगत कराने को कहा है राज्य शासन को।लेकिन यहाँ के अधिकारी अपने आप को राज्य शासन से खुद बडे मानते है।यह बताना लाजमी होगा कि इस छुरा विकासखण्ड में पदस्थ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ,शाखा प्रभारी ,लेखापाल ने तो सारे नियम को ताक में रखकर 297 शिक्षकर्मियों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ बिना सत्यापन दे दिए।मामला उजागर हुवा तब आनन-फानन में विभाग हरकत में आया। प्रदेश का एक मात्र छुरा के जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के विकास खंड शिक्षाधिकारी के द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान दिया जा रहा।राज्य शासन के आदेश को धज्जियाँ उड़ाना है तो छुरा के विकासखण्ड शिक्षाधिकारी एवम शाखा प्रभारी से सीखिए।जबकि क्रमोन्नत वेतनमान को राज्य शासन द्वारा 2013 में ही भूतलक्षी प्रभाव से निरस्त किया जा चुका है।लेकिन इस सब आदेशो को दरकिनार कर छुरा में क्रमोन्नत वेतनमान दिया जा रहा है।
इस मामले में शासन और प्रशासन क्या कार्यवाही करता है वो भविष्य में पता चलेगा… या फिर सत्ता के मठाधीशों द्वारा दोषियों को पुनः संरक्षण दिया जायेगा।