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November 23, 2024

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शरद पूर्णिमा की रात चांद की रौशनी में आदिवासी संस्कृति की झलक

  • चौकसील पहाडी में शरद पूर्णिमा की रात को देवी देवताओें की पुजा अर्चना कर लगा मेला
  • रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर

मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के घनघोर जंगल के अंदर चौकसील पहाडी पर हर वर्ष दशहरा पुन्नी शरद पूर्णिमा की रात मेला का आयेाजन किया जाता है। इस वर्ष भी चौकसील पहाडी पर शुक्रवार शरद पूर्णिमा की रात अमृत बरसते चांद की रौशनी में मेला का आयोजन किया गया, देवी देवताओं की पुजा अर्चना कर क्षेत्र में सुख शांति समृध्दि खुशहाली की कामना की गई। इस दौरान रात में आदिवासी संस्कृति के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिली।

बहरहाल इस वर्ष आयोजन समिति द्वारा चौकसील में कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेला का सीमित किया गया महज आसपास दर्जन भर ग्रामों के लोगों के द्वारा ही इस धार्मिक कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया लेकिन शरद पूर्णिमा की रात यहा के मनोरम दृश्य और देवी देवताओं से आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में क्षेत्रभर के लोग उमड़ पड़े।

शरद पूर्णिमा की रात चांद की रौशनी में आदिवासी संस्कृति की झलक

तहसील मुख्यालय मैनपुर से 40 किलोमीटर दुर घने जंगल और पहाडी के उपर क्षेत्र के प्रसिध्द धार्मिक स्थल चौकसील पहाड़ी के उपर गढ़िया माता के दरबार मे तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया गया। इस मेला मे शामिल होने के लिए क्षेत्र के लोग बडी संख्या में पहुंचे आज शनिवार को दोपहर में देवी देवताओं की शोभा यात्रा निकाली गई जो पुरी पहाडी क्षेत्र का परिक्रमा किया। यह शोभा यात्रा पहाड़ी के उपर देव स्थल का भ्रमण किया देवी देवताओ की आकर्षक, हैरत अंगेज कर देने वाले नृत्य व शौर्य प्रदर्शन को देखने व उनसे आशीर्वाद बडी संख्या मे लोग पहुंचे है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किमी दूर बम्हनीझोला से कच्ची मार्ग व पहाड़ी वाले दूर्गम मार्ग से होते हुए लोग पैदल, टैक्टर, जीप व अन्य साधनो से शरद पूर्णिमा की रात चौकसील देर रात तक पहुंचते रहे, आयोजक समिति के संरक्षक टीकम सिंह नागवंशी अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया दशहरा पर्व के बाद शरद पूर्णिमा से तीन दिनो तक यहां झांकर पुजारी बैगा सिरहा सम्मेलन का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इस आयोजन मे प्रदेश भर से बैगा, सिरहा, पुजारी, झांकर पहुंच कर विचार गोष्ठी आयोजित करते हैं और देवी देवताओ व आदिवासी संस्कृति के संबंध मे लोगो को बताया जाता है एवं देव पूजा पध्दति से अवगत कराया जाता है ।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने रातभर बांधे रखा दर्शकों को

चौकसील पहाड़ी के ऊपर शुक्रवार को शरद पूर्णिमा की रात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के दर्शको को बांधे रखा, क्षेत्र के लोगो के लिए चौकसील मेला किसी त्यौहार से कम नहीं है हर गांव से बड़ी संख्या मे लोग यहां पहुंचते है और साल दरसाल यहां लोगो की संख्या बढ़ती जा रही है।

इस मौके पर प्रमुख रूप से आयोजक समिति के संरक्षक टीकम सिंग नागवंशी, अध्यक्ष अर्जुनसिंग नेताम, जनपद अध्यक्ष पुस्तम कपील, मधु सिंह ओटी, बैजनाथ नेताम, मंगल सिंह सोरी, घांसीराम साहु, सतीश साहु, हरिश मांझी, विजय नाग, रूपसिंग मरकाम, केसरी कश्यप, विशाल सोरी, कुंवरसिंग ओंटी,, तीरथ नागेश, कन्हैया साहु, करण नाग, उत्तम बस्तियां, रायसिंग सोरी, कैलाश नेताम, महानसिंग ध्रुव, दीपचंद ओंटी, भोलाराम यादव, रूपेन्द्र कुमार, दलसुराम नेताम, नरेन्द्र ध्रुव, चमारसिंग नेताम, बनसिंग सोरी, अनसराम, दिनाचंद मरकाम, शेलूराम नाग, तुलाराम, रूपसिंग, रमेश नेताम, महेश नागेश, जयभारत नेताम, बिरसिंग मरकाम, नाथूराम मांझी, नारायण सिंग, गोविंद, नकछेड़ा सोरी, धनेश्वर सोरी, बोधन नेताम, रूपेन्द्र सोम सहित बडी संख्या में प्रदेश भर के लोग शामिल हो रहे हैं ।

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