अच्छी खबर… कोरोना पाॅजीटिव महिला ने उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिया स्वस्थ्य बच्चे को जन्म
1 min readमैनपुर – पुरे प्रदेश व देश लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर तफर कोरोना को लेकर आ रही भयनाक खबरों के बीच मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक कोरोना संक्रमित महिला ने आज स्वस्थ्य बच्चें को जन्म दिया है।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले इस अस्पताल में जब मैनपुर विकासखण्ड ग्राम केकराजोर के मिलेन्द्री बाई नोगेश पति हेमंत नोगेश उम्र 42 वर्ष को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल में लाया गया, तो डाक्टरों ने उनके कोरोना जांच किया, तो गर्भवती महिला मिलेन्द्री बाई नोगेश कोरोना संक्रमित पाये जाने से उन्हे अलग से वार्ड में रखकर उनका विशेष देख रेख किया जा रहा था और आज इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरमाल में मिलेन्द्री बाई नोगेश ने सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया है।
जिससे सिर्फ डाॅक्टर ही नही बल्कि सुनने वाले हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। प्रसव के बाद ऐहितीयान मां से बच्चें को दुर रखा गया है लेकिन पुरी सुरक्षा और उसकी मां को मास्क पहने को नवजात बच्चें को दुध पिलाया जा रहा है। वही खबर यह भी है कि नवजात का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है जो एक बेहतर खबर है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरमाल एक माह में 100 डिलवरी का पूर्व में बनाया है राज्य स्तर का रिकार्ड
शासकीय अस्पताल के कार्यों से प्रभावित जनप्रतिनिधि एवं आम जनता का विश्वास बढ़ा
गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 50 किमी. दूर मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मे एक माह के भीतर 100 प्रसव डिलवरी करवाकर यह स्वास्थ्य केन्द्र प्रदेश स्तर पर अपना एक अलग पहचान पूर्व में ही बनाया है, जिसका इन दिनो क्षेत्र के संबंधित विभाग के अधिकारियो और जनप्रतिनिधियों सहित आम जनता के द्वारा जमकर प्रशंसा किया जा रहा है। और इस स्वास्थ्य केन्द्र मे पदस्थ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सहित सभी स्टाफ को शासन प्रशासन के द्वारा इनके मनोबल को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने की मांग उठ रही है। अक्सर शासकीय अस्पताल प्रबंधन के रवैया एवं संसाधनों की कमी के चलते प्रसव वाले मरीज अस्पताल में इलाज कराना तो दूर की बात है। झांकना तक पसंद नहीं करते, ऐसे में दिन रात बिना सोए उरमाल अस्पताल प्रबंधन ने महज 30 दिन के भीतर 100 डिलवरी कर मिसाल कायम करते हुए प्रदेश स्तर पर अपना रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। मतलब प्रतिदिन तीन प्रसव कर मां और बच्चे को सुरक्षित रखने में सफलता हासिल किया है, जबकि इतनी संख्या में जिला मुख्यालय और ब्लॉक मुख्यालय पर भी प्रसव नहीं हो पाया है। यही वजह है कि अधिकारियों के अलावा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी उरमाल अस्पताल प्रबंधन की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं, क्योंकि 99 प्रतिशत डिलीवरी मामले में अस्पताल प्रबंधन ने सफलता हासिल किया है, मतलब चिकित्सा प्रभारी डाॅ. सनत कुंभकार,,तेजस्वी साहू,,डोमकुमारी दीवान, बसंती साहू,प्रेमलाल सिन्हा, तुलसीराम सिन्हा सहित पूरे स्टाफ की भरसक प्रयास से उरमाल अस्पताल प्रबंधन ज्यादा संख्या में डिलीवरी करने वाले उस स्वास्थ्य केंद्र की पहचान दिलाया है, जबकि उरमाल अस्पताल के आजू-बाजू और भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित होने के साथ लगभग स्टॉप एवं संसाधन उपलब्ध है। बावजूद इसके उन अस्पतालों में प्रसव की संख्या काफी कम देखने को मिलता है। लेकिन बिना संसाधन और स्टाफ की कमी के बाद भी उरमाल अस्पताल प्रबंधन ने महज माह भर के भीतर 100 डिलीवरी कर लोगों को राहत देने में कामयाब रही है ।
इससे आमगरीबों की अस्पताल के प्रति भी काफी उम्मीद जगी है । यही वजह है कि दूर दराज से अपना इलाज कराने उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं, बताया गया कि एक महीने मे 10 डिलवरी का टारगेट रहता है लेकिन उरमाल स्वास्थ्य केन्द्र मे दिसम्बर माह मे दस गुना डिलवरी हुआ है 100 डिलवरी होने से स्टाफ मे खुशी का माहौल है।
क्या कहते है एसडीएम
एसडीएम सूरज कुमार साहू ने बताया कि उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोरोना पाॅजिटिव गर्भवती महिला ने स्वस्थ्य बच्चें को जन्म दिया है बच्चा और जच्चा दोनो स्वस्थ्य है, उन्होने अस्पताल स्टाप के मनबोल बढाते हुए, इसके लिए उन्हे बधाई दी है।