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October 17, 2024

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श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर शहर में निकला भव्य नगर कीर्तन

Grand city kirtan came out in the city on Prakashotsav

550वें प्रकाश पर्व पर प्रमुख स्थानों पर बने तोरण द्वार,नगर कीर्तन का भव्य  स्वागत
राउरकेला। इस्पात नगरी राउरकेला मे ं श्री गुरुनानक देव  जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर सिखों में उल्लास का वातावरण है। 12 नवंबर को प्रकाश पर्व है,इसके पूर्व शुक्रवार को गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा  की मेजबानी में शहर में गुरुद्वारा  से बिसरा रोड,रिंग  रोड,नगर निगम चौक,उदितनगर होते हुए मेन रोड हो कर भव्य नगर कीर्तन निकला, जिसमें बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। गुरुसिंह सभा गुरुद्वारा के सरदार निर्मल सिंह,गुरमेत सिंह,निर्मल सिंह, जशबिन्दर सिंह गोल्डी, सुरजीत सिंह, गुरदीप सिंह, इंदरजीत सिंह, जॉनी सिंह, बॉबी सिंह,  लॉकी सिंह, जगदेव सिंह समेत सिख समाज के दर्जनों प्रबुद्ध व प्रमुख लोग शामिल हुए, नगर भर में नगर   कीर्तन का भव्य स्वागत हुआ, इस मौके पर पूरे नगर को बिजली की  सजावट से  दुल्हन की तरह सजायी गयी।

Grand city kirtan came out in the city on Prakashotsav kirtan 1

उल्लेखनीय है देशभर में सिखों के पहले गुरु नानकदेव जी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जा रहा है। प्रकाश पर्व यानी मन की बुराइयों को दूर कर उसे सत्य, ईमानदारी और सेवा भाव से प्रकाशित करना। सिखों के प्रथम गुरू गुरुनानक देव जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विशाल नगर कीर्तन निकाला गया। इस दौरान पांच प्यारें नगर कीर्तन की अगुवाई किये। श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर सुशोभित करके कीर्तन विभिन्न जगहों से होता हुआ गुरुद्वारा पहुंचा। प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में प्रभात फेरी निकाली जाती है, जिसमें भारी संख्या में संगत भाग लेते हैं। इस अवसर पर गुरुद्वारा के सेवादार संगत को गुरुनानक देव जी के बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किये। कहते है कि श्री गुरुनानक देव महाराज महान युग पुरुष थे। गुरुनानक देव ने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में समर्पित कर दिया। ऐसे में महान युग पुरुष की आज के समय में बहुत जरूरत है।भगवान एक है एक ही गुरु है और कोई नहीं। जहां गुरु जाते हैं, वह स्थान पवित्र हो जाता है। भगवान को याद करने, मेहनत से कमाई करने और उसके बाद बांट के खाने का संदेश दुनिया भर में देने वाले ऐसे ही गुरु को सिख समुदाय उनकी जयंती पर याद करता है।

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