Recent Posts

November 23, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

बीमारी ऐसी की एक पैर काटना पडा़ फिर भी दर्द कम नहीं… वह भी

1 min read

मुड़ागांव (कोरासी) cg

छुरा विकास खण्ड के ग्राम मुड़ागांव निवासी ईश्वरदास पिता स्वर्गीय बीसाहू मानिकपुरी उम्र 50 वर्ष जोकि पेशे से ड्राइवर का काम करके अपने गरीब परिवार का सहारा था किंतु बाया पैर मैं अज्ञात बीमारी के चलते अनेक जगहों पर इलाज के दौरान भी ठीक ना होने पर अंततः धमतरी में ओजस्वी नर्सिंग होम मे जलन व तकलीफ से मुक्ति पाने एक पैर कटा देने के बाद भी उक्त तकलीफ से मिजाज नहीं मिल पा रहा है. ज्ञात हो उक्त परिवार ग्राम ग्राम के बहुत ही गरीब परिवार से इनके पास ना तो खुद का जमीन है और ना ही कोई रोजगार का साधन बस एक कमरे का खप्पर वाले मकान में जीवन यापन करते हुए उक्त अज्ञात बीमारी उसके जीवन के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन बैठा है जिसके कारण उक्त परिवार को जीवन यापन सहित इलाज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वही इलाज के लिए प्रश्न या उठ रहा है इस गरीब परिवार के लिए बेहतर इलाज के लिए आखिर पैसा आएगा कहां से? यदि वह अपना घर भी भेज दें तो पूर्ण इलाज कर पाना भी बड़ी मुश्किल होगी साथ ही उनके रहने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा उक्त इस स्थिति में चीन की सहायता ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा ध्यान देकर किया जाना चाहिए किंतु आज पर्यंत कोई ध्यान नहीं दे रहे और ना ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए अब तक किसी ने देखना भी उचित नहीं समझा।

उनके परिवार में ना ही कोई सहारा है और ना ही ऐसे व्यक्ति जो उनका आर्थिक मदद कर सके बस परिवार में उनकी बूढ़ी मां और पत्नी साथ मिलकर किसी तरह ड्राइवरी काम करते हुए जीवन यापन कर रहे थे किंतु अपने बेटे के बेहतर इलाज के लिए काफी मशक्कत करते हुए बूढ़ी मां ने किसी तरह 1 लाख रुपए तक का इलाज कराते हुए अंततः पैर कटाना पड़ा किंतु उक्त दौरान नहीं जलन दूर हुआ और ना ही पैर का दर्द बल्कि पैर कटने के बाद पूरे शरीर में दर्द इतना बढ़ गया है कि उनका जीना बड़ा मुश्किल हो रहा हो गया है साथ ही उसका दूसरा पैर भी सुजान भरकर काफी दर्द भर गया है उक्त दर्द के कारण नहीं वह चैन से बैठ पाता है और नहीं सो पा रहा है।

इस परिस्थिति में भी उक्त गरीब परिवार के लिए काफी दिक्कत की बात यह है की ओजस्वी नर्सिंग होम धमतरी में स्मार्ट कार्ड के अंतर्गत इलाज या तो गया किंतु जब दूसरी बार समस्या आया तो लेकर जाने पर दोबारा पैर काटना पड़ेगा ऐसा कह कर बिना इलाज किए वापस कर दिया गया साथ ही स्मार्ट कार्ड के अंतर्गत कितने का इलाज किया गया है इसकी जानकारी मांगने पर भी नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में गुप्त गरीब परिवार द्वारा दर दर भटकते हुए हैं रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया किंतु 4 दिन तक एडमिट करने के इंतजार में ना ही उन्हें एडमिट किया गया बल्कि 4 दिन की इस कठिन जिंदगी की परिस्थिति को अस्पताल के बरामदे में ही बिताते हुए अंततः वापस बिना इलाज के घर आना पड़ा।
उक्त पश्चात ग्राम के कोटवार भूगेश्वर दास द्वारा ग्रामीण अंचल संवाददाता तेजराम ध्रुव को इस स्थिति का अवगत कराते हुए जिला प्रशासन एवं अन्य विभाग से इस गरीब परिवार के आर्थिक मदद हेतु सहयोग की अपेक्षा है ताकि उक्त गरीब परिवार जिनका ना ही कोई जीने का सहारा है और ना ही कोई रोजगार के साधन ऐसे परिवार के लिए सहयोग हेतु प्रशासन से फरियाद किया गया है ताकि यथासंभव इलाज संभव हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *