भूपेश सरकार के महत्वपूर्ण योजना खेलगढि़या में भारी भ्रष्टाचार, खेल सामग्री के बजाय डीएमसी के निर्देश पर स्कूलों में खरीदा गया टेलीविजन
- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- जब जांच में डीएमसी श्याम चन्द्राकर पाए गये दोषी, तो भ्रष्टाचार को दबाने नया तरीका ढुढ निकाला, अब बोले दोबारा होगी जांच
- खेलगढिया योजना में भ्रष्टाचार मामले को लेकर लगातार किया था समाचार प्रकाशन समाचार प्रकाशन के बाद जांच टीम का किया गया था गठन
- जांच रिर्पोट को पिछले एक वर्ष से रखा गया दबाकर, जांच रिर्पोट सामने आने पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो ने सवाल खड़े करते हुए डीएमसी पर तत्काल कार्यवाही की किया मांग
मैनपुर – छत्तीसगढ के भूपेश बघेल सरकार के काफी महत्वपूर्ण योजना स्कूली बच्चो को पारम्परिक खेलकूद से जोडने के लिए खेलगढिया योजना प्रारंभ किया गया। इस योजना के तहत गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के 256 शासकीय प्राथमिक एंव 118 माध्यमिक शालाओं को क्रमांक 05 एंव 10 हजार रूपये की राशि लगभग डेढ वर्ष पहले जारी किया गया था। खेलगढिया योजना के तहत मिले इस शासकीय राशि से ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक खेल सामग्री का खरीदी किया जाना था और छात्र छात्राआें को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना था, लेकिन मैनपुर विकासखण्ड के लगभग 179 स्कूलो में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक श्याम चन्द्राकर निर्देश पर खेल सामग्री के बजाय टी.वी खरीदी किया गया। शासन के तमाम नियमों को ताक में रखकर सरकार के महत्वपूर्ण योजनाआें की धज्जिया उडाते हुए ऐसे स्कूलो मे भी टी.वी की खरीदी की गई, जिन गांवो में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। खेलगढिया योजना में लाखों रूपये के भ्रष्टाचार को लेकर एक वर्ष पहले यह मामला मैनपुर क्षेत्र में जमकर गरमाया लगातार अखबार ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था। समाचार प्रकाशन के बाद डेढ वर्ष पहले स्वंय डीएमसी व जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद द्वारा जांच टीम का गठन किया गया, जो सभी स्कूलों में पहुंचकर जांच किया तो स्कूल के प्रधान पाठकों ने कहा कि डीएमसी श्याम चन्द्राकर के आदेश के बाद उन्होंने खेल सामग्री के बजाय टी.वी खरीदी किया है।
यह जांच रिर्पोट सामने आने के बाद इसका गाज खण्ड स्त्रोत समन्वयक पर गिरा और मैनपुर राजीव गांधी शिक्षा मिशन सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन खण्ड स्त्रोत समन्वयंक ए.आर .टांडिया को तत्काल पद से पृथक करते हुए उनके स्थान पर नया खण्ड स्त्रोत समन्वयंक की नियुक्ति किया गया, लेकिन इस मामले की शिकायत जब क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी के द्वारा गरियाबंद जिला के कलेक्टर से किया गया और खेलगढिया योजना में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने इस मामले की शिकायत तत्कालीन प्रभारी मंत्री एंव छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से भी किया था, और तो और जिला पंचायत गरियाबंद के बैठक में यह मामला जमकर गरमाया था।
जिला पंचायत के बैठक में खेलगढिया योजना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जिला स्तरीय जांच कमेटी बनाने की मांग किया गया था, तथा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने जिला पंचायत की बैठक में जिला समन्वयंक श्याम चन्द्राकर व वास्तविक दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग किया था, खेलगढिया योजना में भारी भ्रष्टाचार का मामला मैनपुर क्षेत्र में गरमाने के बाद जिला स्तर पर जांच टीम का गठन किया गया।
एक साल तक जांच रिर्पोट को दबाकर रखा गया अब सामने आने पर दोषी अधिकारी को बचाने दोबारा जांच करवाने की बात आ रही है सामने
गरियाबंद जिले में भ्रष्टाचार करने और उसे दबाने के अबतक एक से एक पैंतरे सामने आ चुके है, शिक्षा विभाग ने अब भ्रष्टाचार करने और फिर उसे दबाने का एक नया पैंतरा खेला है। विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में पहले तो छोटे अधिकारियों की जांच कमेटी बनाकर बड़े अधिकारी की जांच करवा दी, जब जांच में बड़ा अधिकारी दोषी पाया गया तो अब विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पुरानी जांच को गलत बताते हुए नये सिरे से जांच कराने की बात कह रहे हैं। इस पूरे मामले में सबसे अहम बात ये है कि पहली जांच ब्लाॅक स्तर डेढ सालभर पहले पूरी हो चुकी है। दुसरा जांच जिला स्तर के अधिकारियाें के द्वारा सालभर पहले पुरी हो चुकी है, जिसे सार्वजनिक होने से दबाकर रखा गया। अब जांच रिपोर्ट सामने आई तो जिम्मेदार जांच टीम पर ही सवाल खड़े कर नये सिरे से जांच की बात कहकर मामले को लंबा खींचने में लगे हैं। मामला राजीव गांधी शिक्षा मिशन खेलगढिया योजना से जुड़ा है।
मैनपुर विकासखंड के अधिकांश प्राथमिक ओर पूर्व माध्यमिक शालाओं में इस योजना की राशि का खुलेआम दुरुपयोग करते हुए टीवी खरीदी की गई थी। सालभर पहले यह मामला मीडिया में सामने आया था, इसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए। चार सदस्यीय जांच टीम में सहायक परियोजना अधिकारी गरियाबंद एलएल देवांगन, विकासखंड शिक्षा अधिकारी गरियाबंद आरपी दास, प्राचार्य शाउकमावि गरियाबंद आरपी मिश्रा, विकासखंड स्रोत केंद्र समन्वयक गरियाबंद शिवकुमार नागे शामिल थे। टीम ने 19 संकुल समन्वयक, 35 माध्यमिक शाला प्रधान पाठक, 41 प्राथमिक शाला प्रधानपाठक एवं मैनपुर बीआरसीसी का शपथपूर्ण बयान दर्ज किया। जांच टीम ने 06 अगस्त 2020 को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपते हुए जिला मिशन समन्वयक (डीएमसी) श्याम चंद्राकर को दोषी ठहराया है। टीम ने तर्क देते हुए अपनी जांच में स्पष्ट किया है कि डीएमसी जिला मिशन समन्वयंक श्याम चंद्राकर ने 27 फरवरी 2020 को हुई एक बैठक में संकुल समन्वयकों एवं प्रधान पाठकों को खेलगढिया योजना की राशि से टीवी खरीदने के मौखिक आदेश दिए थे। जिसका पालन करते हुए ज्यादातर संकुल समन्वयकों एवं प्रधान पाठकों ने खेल सामग्री की खरीदी की बजाय स्मार्ट क्लास के लिए टीवी की खरीदी की थी।
- मामले में सबसे अहम बात ये है कि जांच टीम द्वारा 06 अगस्त 2020 को पेश की गई रिपॉर्ट को विभाग ने अबतक सार्वजनिक नहीं किया। अब मीडिया के हाथ ये रिपोर्ट लगी है अधिकारी अब जांच टीम को ही अपात्र बताते हुए नये सिरे से जांच का दावा कर रहे हैं।
जिले के नवपदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अब इस मामले की दोबारा जांच की जा रही है। क्योंकि इससे पहले जो 4 सदस्यीय टीम ने जांच की थी उन्हें डीएमसी की जांच करने की पात्रता नही है। उनका कहना है कि उक्त जांच टीम में जो 4 अधिकारी नियुक्त किये गए थे उनका पद प्रिंसिपल लेवल के डीएमसी से छोटा है इस लिहाज से उन्हें जांच करने की पात्रता नहीं है। हालाकिं उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि छोटे अधिकारियों को जांच का ज़िम्मा क्या जान बूझकर दिया गया था या फिर मामले को किसी तरह लंबा खींचकर रफा दफा करने के मकसद से किया गया था। सवाल ये भी खड़ा होता है कि पहले ही जांच टीम में किसी जिला स्तरीय अधिकारी को नियुक्त क्यों नहीं किया गया। कारण जो भी हो फिलहाल ये मामला एक बार फिर शिक्षा विभाग के गले की फांस बन गया है। अब देखना ये होगा कि विभाग इस फांस को कितनी जल्दी निकालने की कोशिश करता है।
जिला मिशन समन्वयंक पर तत्काल कार्यवाही किया जाए – पुजारी
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा कि खेलगढिया योजना के तहत खेल सामग्री खरीदने जारी शासकीय राशि से जिला मिशन समन्वंयक के निदेश के बाद स्कूलो में टी.वी खरीदी किया गया। मामले मे जांच भी हो गई। जिला मिशन समन्वंयक श्याम चन्द्राकर पर तत्काल कार्यवाही किया जाए ।