हिंदी और क्षेत्रीय भाषाएं साथ-साथ बढ़े
1 min readहिंदी दिवस पर आयोजित चर्चा में निकला निष्कर्ष
कांटाबांजी। नवभारत परिवार एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी दिवस पर आयोजित परिचर्चा आज के परिप्रेक्ष्य में हिंदी की दशा में सभी वक्ताओं के वक्तव्य का सारांश यह निकल कर आया की हिंदी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाएं साथ-साथ बढ़े। हिंदी के वरिष्ठ शिक्षक शंकरलाल दीक्षित (गुरुजी) ने भक्ति काल के संत कवियों तुलसीदास, रहीम और सूरदास के पदों को उद्धृत कर हिंदी के महत्व को प्रतिपादित किया। वही केवी कॉलेज के हिंदी विभाग प्रमुख व्याख्याता रमेश अग्रवाल ने कहा कि हिंदी को लेकर देश में वैमनस्यता ना फैलाई जाए। यह भाषा संपर्क की भाषा के रूप में विकसित हो और इसमें कोई हर्ज भी नहीं है। हिंदी के जानकार सूरथ बेहेरा ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे हिंदी पढ़ाते समय भाषा की शुद्धता के ऊपर ध्यान दें, ताकि आने वाली पीढ़ी की नींव मजबूत रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु प्रसाद शर्मा ने कहा हिंदी देश की सबसे ज्यादा बोली और समझे जाने वाली भाषा है ,इसे किसी पर थोपा न जाए ।
50 वर्ष पूर्व से आज हिंदी की दशा बहुत अच्छी है, किंतु राजनेताओं द्वारा हिंदी पर राजनीति की जाए। क्षेत्र के नवभारत संवाददाता मनोज शर्मा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हिंदी एक सरल सहज एवं मधुर भाषा है, समाज में इसे उचित सम्मान मिलना ही चाहिए। हिंदी पढ़ने बोलने वालों को हीन न समझा जाए, यह भी समाज को देखना होगा। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष धीरज अग्रवाल ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की वकालत करते हुए इसे देश के एकीकरण में माला के धागे के सदृश्य बताया। उन्होंने कहा कि उनका संगठन इस हेतु पूरे राष्ट्र में लगातार प्रयास करता रहेगा। इस अवसर पर दीक्षित गुरुजी का शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मान भी किया गया। वही समाजसेवी सूरथ बेहेरा ने अपनी पुस्तक सहज हिंदी शिक्षा का विमोचन श्री दीक्षित गुरुजी के कर कमलों से करवाया। इस अवसर पर नवभारत वितरक बंटी गुप्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में हिंदी व्याख्याता रमेश कुमार अग्रवाल, विभूदत्त साहू, गुणनिधि राउतराय, नरेंद्र सुना, श्रीमती सुनीता तिवारी, श्रीमती नजमा परमार, श्यामसुंदर दास, बिरंचि नारायण दास, विष्णु प्रसाद शर्मा, सूरथ बेहरा, वीवी रमन्ना मूर्ति, जी तिरुमल, प्रदीप नारायण खंडेलवाल, विकास खेमका, पुष्पकेतु बेहरा, सूरदास बाग, छलिया साहू,डॉ संजय मिश्रा, पवन कुमार मिश्रा, पवन मिश्रा, संभारु साहू, रोहित अग्रवाल आदि ने अपने मत व्यक्त किए। कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालन करने में पंकज जैन, शिव चंद अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, मुकेश मोटे धीरज अग्रवाल आदि ने सहयोग प्रदान किया।