मैनपुर में विश्व आदिवासी दिवस पर पारम्परिक वेशभुषा के साथ सैकड़ों आदिवासियों ने निकाली रैलीे
- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- एक तीर एक कमान, सारे आदिवासी के नारे से गुंज उठा मैनपुर क्षेत्र
मैनपुर – विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज सोमवार को तहसील मुख्यालय मैनपुर में सैकडो आदिवासियों ने पारम्परिक वेशभुषा के साथ पारम्परिक हथियार तीर धनुष, भाला, फरसा, टगिया लेकर जंगी रैली निकाली और नारेबाजी किया एक तीर एक कमान सारे आदिवासी एक समान।
तहसील मुख्यालय मैनपुर स्थित वीर नारायण चौक में सुबह 10 बजे मैनपुर क्षेत्रभर के आदिवासी समाज के लोग उपस्थित हुए और रानी दुर्गावती, बिरसामुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह तथा आदिवासी समाज के महान क्रांतिकारियों के छायाचित्र की पुजा अर्चना कर रैली निकाली गई। जमकर आतिशबाजी किया गया।
आदिवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए संगठित होने की जरूरत – जनक ध्रुव
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री जनक धुव ने इस अवसर पर सभी उपस्थित जनों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देेते हुए कहा कि आज पुरा विश्व में आदिवासी समाज द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। आज भी आदिवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए संगठित होने की जरूरत है।
समाज के विकास में महिलाओं को आगे की लोकेश्वरी नेताम ने किया आह्वान
जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने समस्त जिलावासियों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आदिवासी समाज के विकास में महिलाअों की भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका है, महिलाअों को अधिक से अधिक संख्या में समाज के विकास के लिए आगे आने की जरूरत है।
इस मौके पर प्रमुख रूप से आदिवासी कांग्रेस के प्रदेष महामंत्री जनक ध्रुव, जिला पंचायत सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि हेमसिंह नेगी, सरपंच संघ के मैनपुर अध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर, आदिवासी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष खेदू नेगी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव,कमार विकास अभिकरण गरियाबंद के सदस्य पिलेश्वर सोरी, गोडवाना गणतंत्र पार्टी के सभांगीय अध्यक्ष महेन्द्र नेताम, नेयाल नेताम, मोहित ध्रुव, युवराज नेताम, डाकेश्वर नेगी, खेलन दीवान, जिलेन्द्र नेगी, रामसिंह नागेश, संतोष मरकाम, बालाराम ध्रुव, देवेन्द्र सोरी, डिगेश्वरी साण्डे, लोकेश साण्डे, गुंजेश कपील, दिनेश शाडिल्य, लोकेश्वरी ठाकुर, नयन सिंह नेताम, प्रवीण बाम्बोडे, अशोक दुबे सहित सैकडों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।