जगन्नाथ के दर्शन करते ही महिला का मन बदला- बोली नहीं करूंगी आत्महत्या
32 दिन पहले अपना घर छोड़ पुरी के मठ में रही थी महिला
बेटे के दुर्घटना के बाद मैं डिप्रेशन मैं चली गई थी
पुरी। घर पर सुसाईड नोट छोड़कर लापता हुई वकील आरती मिश्र श्री जगन्नाथ की नगरी पुरी में प्रभू जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद अपने परिवार के सदस्यों की खुशी के लिए रविवार को कोरापूट जिला जयपुर स्थित अपने घर लौट आई है। बेटे के दुर्घटना से परेशान मां आरती ने आत्महत्या करने की योजना बना ली और 32 दिन पहले अपना घर छोड़ पुरी आ गई थी। यहां आने के बाद वह कुछ दिन मठ में रही और आत्महत्या करने से पहले वह एक दिन जगन्नाथ मंदिर गई जहां प्रभू के दर्शन करने के बाद उसे यह एहसास हुआ कि वह जो कर रही है वह गलत है। आरती ने कहा कि मैं अपने परिवार में अशांति नहीं चाहती थी। मेरे बेटे के दुर्घटना के बाद मैं डिप्रेशन मैं चली गई और अपने परिवार और दुनिया को छोड़ने का मन बना लिया। यही कारण है कि मैंने एक सुसाईड नोट लिखा और घर पर रख चली गई। मैं तब से पुरी में एक मठ में रह रही थी। मैंने पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद अपना मन बदल दिया।
मुझे वहां शांति मिली। भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से मैं अपने परिवार के साथ फिर से रहना चाहती थी। इसलिए में वापस घर लोट आई। आरती ने कहा कि यह उसके परिवार के लिए उसका प्यार था जिसने उसे चरम कदम उठाने से रोक दिया। सूत्रों के मुताबिक, आरती 8 जुलाई को भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई थी, उसने अपने परिवार के सदस्यों को बताया था कि वह दंत जांच के लिए भुवनेश्वर जा रही है। उसके पति ने उसे रेलवे स्टेशन पर खोजा पर वह नही मिली। चूँकि उसने अपना सेलफोन छोड़ दिया था इसलिए उसका परिवार उस तक नहीं पहुँच सका। आरती के पति मनोज मिश्र ने बाद में जयपुर टाउन पुलिस के पास एक गुमशुदगी शिकायत दर्ज कराई। उसकी तलाश के लिए पुलिस की एक टीम भी बनाई गई थी। आरती की लापता के बाद उसके परिवार के सदस्यों को उसके कमरे से चार पेज का सुसाइड नोट मिला। जिसमें आरती ने लिखा था की मैं और जीना नहीं चाहती मेरे बच्चे अब आपकी जिम्मेदारी हैं, कृपया चरम कदम उठाने के लिए मुझे क्षमा करें।