डिस्पोजल में चाय पी रहे हैं तो सावधान, बीमारियों को दे रहे दावत
1 min readएक डिस्पोजल ग्लास में चाय के साथ हम दो मिलीग्राम प्लॉस्टिक पी रहे
डिस्पोजल में मौजूद केमिकल दिमाग को प्रभावित करते हैं
टिटिलागढ़। अगर आप प्लॉस्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजल वाले ग्लास में चाय पी रहे हैं तो सावधान हो जाइये। एक छोटे ग्लास के साथ आपके पेट में दो मिलीग्राम प्लॉस्टिक भी जा रहा है। पेट में प्लॉस्टिक जाने से आपको कैंसर जैसे भयंकर बीमारी होने की संभावना है। अधिक गर्म पदार्थ के साथ प्लॉस्टिक के घुलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। डिस्पजल में गरम चाय पीने पर इसके कुछ तत्व चाय में घुलकर पेट के भीतर चले जाते हैं। इससे शरीर के हारमोन्स असंतुलित हो जाते हैं और फिर थकान, एकाग्रता में कमी के साथ ब्लड प्रेशर, सुगर, ताईराइड जैसी बीमारियों का दौर शुरू हो जाता है। इसके बाद अंत में व्यक्ति कैंंसर से पीड़ित हो जाता है। अंत में मनुष्य की जान चली जाती है।
- मुख्य बातें- इसके व्यवहार का मुख्य बात यह है कि डिस्पोजल में मौजूद केमिकल दिमाग को प्रभावित करते हैं। इस वजह से इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति कम होने लगती है। एकाग्रता भंग हो जाती है।
- दुष्प्रभाव- पेट के लिए जहर है प्लास्टिक एवं थर्मोकोल के ग्लास। क्योंकि इस ग्लास में वेक्स (मोम) की परत लगायी जाती है। ऐसे में जितनी बार आप उसमें चाय पीते हैं उतनी बार वेक्स पेट में जाता है। इससे आंतों में दिक्कत आने लगती है। इसके अलावा पाचन तंत्र धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है।
टिटिलागढ़ नगर के रिटायर्र्ड वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ। धनश्याम जैन ने नवभारत को बताया कि पटना स्थित महावीर कैंसर संंस्थान के रिसर्च के बाद तथ्य सामने आया है कि गर्भवती महिलाओं को शरीर में काफी नुकसान होता है। डिस्पोजल ग्लास में मौजूद मेट्रोसेमिन, विस्कीनाल और वर्ड इथाईल डेक्सिन नाम के केमिकल्स पाये जाते हैं, जो शरीर के लिए काफी नुकसान दायक होते हैं। गर्भवर्ती महिलाओं और बच्चों पर इनके नुकसान का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा प्लास्टिक के ग्लास में चाय का सेवन करने वाले पुरूष नपुंसकता के शिकार होते हैं। इसलिए नागरिकों को डिस्पोजल पालास्टिक ग्लास में गर्म पेय पदार्थ सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। टिटिलागढ नगर के जानेमाने डॉक्टर जयप्रकाश जैन ने बताया कि प्लास्टिक के ग्लास में चाय, कॉफी पीना अत्यंत हानिकारक है, इससे किडनी, लीवर एवं आंत प्रभावित होती है। लगातार प्लास्टिक के ग्लास में चाय सेवन करने के केमिकल धीरे-धीरे शरीर में जाकर अंग को नष्ट कर देता है। फिर व्यक्ति कैंसर का शिकार होता है। जिससे वह विभिन्न बीमारी का शिकार होकर मौत के मूंह में चला जाता है।
- किडनी भी होता है फेल
- प्लास्टिक के ग्लास में चाय या गर्म दूध सेवन करने से दिल की बीमारी होने एवं किडनी फेल हो जाती है। प्लास्टिक कप में गर्म पेय पीने से किडनी और लीवर कैंसर की संभावना काफी बढ़ जाती है। नागरिकों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए प्लास्टिक का डिस्पोजल का व्यवहार ही ना करें।
- प्लॉस्टिक की थैलियों का व्यवहार पर प्रतिबंध स्वागत योग्य
टिटिलागढ़ नगर की नगरपालिका के पूर्व सदस्य एवं बीजद प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्या श्रीमती उमा अग्रवाल ने बताया कि ओड़िशा के बीजद सरकार के सुप्रीमो नवीन पटनायक एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए प्लॉस्टिक की थैलियों का व्यवहार पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। नागरिकों को भी प्लास्टिक के सात-साथ डिस्पोजल का व्यवहार न करते हुए अपने सेहत का ध्यान रखना चाहिए। नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों को भी डिस्पोजल के कचरे से नालियाँ भर जाने से सफाई में काफी दिक्कत आती है, डिस्पोजल के कप, प्लेट मिट्टी में जाकर एक अरसे तक नष्ट नहीं होते है। मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।