दुर्घटना में मस्तिष्क रक्तस्त्राव के शिकार मरीज की जान आईजीएच में बची
1 min readपति की जान बचाने के लिए आईजीएच के प्रति पत्नी ने जताया आभार
प्रबंधन ने चिकित्सों की टीम को दी बधाई
राउरकेला। मैं अपने पति, श्री जगन्नाथ बोस के जीवन को बचाने के लिए राउरकेला स्टील प्लांट के आई।जी।एच की बहुत आभारी हूँ। कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन डॉक्टरों ने इसे कर दिखाया। लाठिकटा के चिन्मयी नगर के निवासी 17 जुलाई को दोपहर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और बेहोशी की हालत में इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया। सीटी स्कैन में पता चला कि रोगी के मस्तिष्क के दाहिने हिस्से में भारी रक्तस्राव था। न्यूरोसर्जन तथा पूर्व संयुक्त निदेशक (आईजीएच), डॉ. आरएन महापात्र, वरिष्ठ उप निदेशक (एमएचएस), डॉ. (श्रीमती) एस हेमरम, वरिष्ठ स्पेशियालिस्ट, डॉ. एसके पात्र ने आईसीयू में रोगी का इलाज किया और 18 जुलाई को मस्तिष्क की सर्जरी की।
एनेस्थीसिया एनेस्थोलॉजिस्ट डॉ। मनोरंजन सामंतराय ने दिया।सर्जरी के दौरान पाश्विर्का की हड्डी को हटा दिया गया था और पूर्ण रूप से स्वास्थ्य होने के बाद प्रतिस्थापित करने के लिए पेट में रखा गया। प्रतिक्रियाशील मस्तिष्क की सूजन को समायोजित करने के लिए यह कदम उठाया गया था। सर्जरी के बाद मरीज को एक महीने से अधिक समय तक आई।सी।यू। में रखा गया, जहां उसकी देखभाल वरिष्ठ उप निदेशक डॉ. आर।बी।पटनायक और उसकी टीम ने की। सुधार संकेतों के बाद रोगी को पुरूष सर्जिकल वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और छुट्टी होने तक वहीं रहा। 4 सितंबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज के समय रोगी पूरी तरह से सचेत था और शरीर के बाईं ओर आये लकवे की परिस्थिति में सुधार के संकेत मिले रहे थे।24 अक्टूबर को जब मरीज को रूटीन चेकअप के लिए लाया गया तो देखा गया कि वह स्वयं चल पा रहा था।समय पर डॉक्टरों के हस्तक्षेप और लगातार प्रयासों से , नर्सों और परिचारकों द्वारा आईसीयू और आॅपरेशन थिएटर एवं सर्जिकल वार्ड दोनों में की गई देखभाल से मरीज के स्वास्थ्य में शीघ्र ही सुधार सम्भव हो पाया। उल्लेखनीय है कि लगभग 6 लाख से 7 लाख आउटडोर मरीज और 24 हजार से 26 हजार इनडोर मरीज सालाना आईजीएच में इलाज कराते हैं, जो इस अस्पताल को पारदशिर्ता को दर्शाता है। अस्पताल के हकदार रोगियों में आरएसपी के सभी 13000 नियमित कमर्चारी, 54,000 से अधिक आश्रित और लगभग 25,000 पूर्व कमर्चारी शामिल हैं। हालांकि, आईजीएच के 50% से अधिक इनडोर मरीज गैर-हकदार मरीज हैं। यह आईजीएच पर बाहरी हितधारकों की निर्भरता और विश्वास के लिए एक बड़ी गवाही प्रस्तुत करता है जो न केवल राउरकेला या आसपास के स्थानों से बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी मरीज उपचारात्मक, निवारक, प्रचार और पुनर्वास संबंधी स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पताल आते हैं।