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October 17, 2024

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छत्तीसगढ में राजकीय पशु वनभैसा के संरक्षण और संवर्धन के लिए डब्लूटीआई के वैज्ञानिकों और प्रदेश के आला वन अफसरों की टीम ने किया मंथन

  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • राजकीय पशु वन भैंसे के संरक्षण एवं संवर्धन पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला

छत्तीसगढ़ वन विभाग एवं वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में राजकीय पशु वन भैंसे के संरक्षण एवं संवर्धन पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन अरण्य भवन में किया गया। कार्यशाला में वन भैंसों के कंजर्वेशन ब्रीडिंग प्लानिंग पर विस्तृत तौर पर चर्चा की गयी एवं कार्ययोजना बनायीं गयी राज्य के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुधीर कुमार अग्रवाल ने राजकीय पशु वन भैंसा की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की प्लानिंग पर वैज्ञानिकों से चर्चा की कार्यशाला में डब्लू टी.आई , सी.सी.एम बी, डब्लू आई आई, आई यु, सी एन, चेस्टर जू नेपाल वन विभाग द्वारा वन भैंसा के संरक्षण एवं संवर्धन के विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यशाला संभावित सभी मुख्य बिन्दुओ जैसे वन भैंसों का ट्रान्स्लोकेसन, ब्रीडिंग सुविधा, स्वास्थ्य, भविष्य में जंगल में छोड़ने का प्लान एवं निगरानी, ब्रीडिंग की अत्याधुनिक तकनीकियों आदि पर ग्रुप बनाकर चर्चा की गयी एवं रिपोर्ट तैयार की गयी।

कार्यशाला में डब्लू टी आई के वैज्ञानिक, सी.सी एम बी हैदराबाद के वैज्ञानिक चेस्टर जू के वैज्ञानिक, डब्लू आई आई के वैज्ञानिक, पशु चिकित्सा कालेज अंजोरा के वैज्ञानिक, छत्तीसगढ वन विभाग के पशु चिकित्सकों की टीम के अलावा असम वन विभाग के अधिकारी भी रहे छत्तीसगढ वन विभाग से सेवानिवृति पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख डॉ आर. के सिंह, सेवानिवृत्त एपीसीसीएफ डॉ एस. के सिंह, एपीसीसीएफ (वन्यजीव) कौशलेन्द्र कुमार, उदंती सीतानदी की क्षेत्र संचालक श्रीमति प्रणिता पॉल, उपनिदेशक वरुण जैन, जंगल सफारी की निदेशक श्रीमति मर्सीबेला ने कार्यशाला में भाग लिया ।

  • कार्यशाला का संचालन डब्लू टी आई के संयुक्त निदेशक डॉ समीर सिन्हा ने किया

कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रमुख सचिव, वन श्री एम. के. पिंगुआने राजकीय पशु वन भैंसा के प्लानिंग की सराहना की एवं सरकार की तरफ से पूरे मदद का आश्वासन दिया उन्होंने वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन को एक मिशन के रूप अमलीजामा पहनाने के लिए कहा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ल ने कार्यशाला में शामिल सभी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुये वन भैंसों के कंजर्वेशन ब्रीडिंग प्लानिंग करने के साथ साथ हाथी एवं टाइगर के लिए भी प्लान बनाने को कहा। उन्होंने वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सीईओ डॉ राहुल कौल से भी इस संबंध में विस्तृत चर्चा की कार्यक्रम का संचालन डब्लू टी. आई के उपनिदेशक एवं मध्य भारत प्रमुख डॉ राजेंद्र मिश्र ने किया।