ओड़िशा में और 12 छोटे बंदरगाह बनेंगे : पद्मनाभ बेहेरा
1 min readबंदरगाहा निर्माण के लिए हो चुकी है जगह की पहचान
भुवनेश्वर। मौजूदा प्रमुख पारादीप , धामरा और गोपालपुर जैसे बंदरगाहों के अलावा, राज्य में 12 और छोटे छोटे बंदरगाह बनाए जाएंगे। बंदरगाहों के निर्माण के लिए जगह की पहचान भी की जा चुकी है। यह जानकारी गुरुवार को वाणिज्य और परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा द्वारा विधानसभा में दी। बीजद विधायक सौम्य रंजन पटनायक द्वारा किए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री बेहेरा ने सदन के सदस्यों को अवगत कराया कि 12 और छोटे बंदरगाह सुर्वणरेखा, बिचित्रपुर, बहाबलपुर, बालेश्वर जिले के इंचूड़ी और चांदीपुर में, भद्रक जिले में चूड़ामणि, केंद्रापड़ा जिले के अखाड़ाशाली में, जगतसिंहपुर जिले के जटाधर में, पुरी जिले के अस्तरंगा और बलिहारचंडी में, गंजाम जिले के पलूर और बाहुड़ा में बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले से ही क्रिएटिव पोर्ट डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ सुर्वणरेशा पोर्ट के निर्माण के लिए हस्ताक्षर किए गए है और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को अस्तरंग पोर्ट विकसित करेगी।
मंत्री बेहेरा ने कहा कि सुर्वणरेखा बंदरगाह के लिए 961,180 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, 692,680 एकड़ भूमि डेवलपर को दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने इसी साल 13 फरवरी को इसके लिए आधारशिला रखी थी और प्रारंभिक कार्य जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्तरंग बंदरगाह के लिए 3899,987 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, 7 गांवों के लोगों ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने इस पर स्थगन आदेश जारी किया, जिसके लिए निर्माण कार्य में तेजी नहीं लाई जा सकी। मंत्री ने कहा कि जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील लिमिटेड को जगतसिंहपुर जिले के जटाधार में एक कैप्टिव जेट्टी स्थापित करने के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने सदन को यह भी अवगत कराया कि बालेश्वर जिले के बहाबलपुर, पुरी जिले के बलिहारचंडी और गंजाम जिले के बाहूड़ा में बंदरगाहों को विकसित करने के लिए प्री-टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई है। बहाबलपुर पोर्ट के लिए 150-900 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है।