उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घायल तेंदुआ ने हमला कर ग्रामीण को किया जख्मी

- रेस्क्यू के दौरान तेंदुआ की हुई मौत
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के रिसगांव (कोर) परिक्षेत्र की मासुलखोई बीट अंतर्गत एक घायल तेंदुए द्वारा सुबह लगभग 11:30 बजे खेत की झोपड़ी में सो रहे ग्रामी रंजीत नेताम पिता बुधु राम उम्र 55 वर्ष पर हमला कर घायल कर दिया जिससे उनके चेहरे पर चोट आई। हमले के बाद तेंदुआ झोपड़ी के सामने ही बैठ गया जिसके उपरान्त पेट्रोलिंग श्रमिक एवं ग्रामीणों द्वारा तेंदुए के घायल / अस्वस्थ होने की सूचना उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन को दी गयी।
तेंदुआ से घायल ग्रामीण रंजीत नेताम को वनरक्षक भोजराज नेताम के साथ शासकीय वाहन में तत्काल उपचार हेतु नगरी चिकित्सा केंद्र भेजा गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
वहीं दूसरी ओर वन विभाग द्वारा घायल तेंदुआ को इलाज के लिए बड़ी मस्कत करना पड़ा ड्रोन कैमरा से निगरानी करने के बाद घायल तेंदुआ को जाल से पकड़ा गया बाकायदा रेस्क्यू के लिए जंगल सफारी के डॉक्टर जय किशोर जडिया, उपनिदेशक वरुण जैन, सहायक संचालक उदंती गोपाल कश्यप, रेंजर रिसगांव शैलेश बघेल, रेंजर दक्षिण उदंती चन्द्रबली ध्रुव, रेंजर इन्दागांव सुशिल सागर, ड्रोन पायलट सुधांशु वर्मा, राकेश मार्कंडेय, राजेंद्र सिन्हा एवं 15 स्टाफ मौजूद थे. तेंदुआ चलने में असमर्थ था एवं ड्रोन से देखने पर एवं उसकी गर्दन के पीछे घाव दिखाई दिया जिसके बाद उसे उठाकर रेस्क्यू वाहन में रखा गया जिसके तुरंत बाद रास्ते में ही तेंदुए ने दम तोड़ दिया. रेस्क्यू ऑपरेशन में सूचना होते हुए भी सहायक संचालक सीतानदी एम आर साहू नदारद थे। एक बार फिर सहायक संचालक घायल तेंदुआ के रिस्क के दौरान नदारत रहे पूर्व में उनके द्वारा कई लापरवाही सामने आ चुकी है।
- तेंदुए के शव परीक्षण में उसकी पीठ पर किसी जंगली जानवर के दांत के निशान
तेंदुआ के शव का परीक्षण करने से पता चलता है किसी अन्य तेंदुए के दांत के निशान एवं 5-7 दिन पुराना 2 इंच का घाव पाया गया जिससे टेरिटरी हेतु आपसी संघर्ष के मामले की संभावना है । मृत नर तेंदुए की उम्र लगभग 4 साल आंकी गयी है। शव विच्छेदन आज मंगलवार को किया जाएगा जिससे तेंदुए की मौत के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
ग्रामीणों को अलर्ट एप्प के माध्यम से एवं मुनादी कर लगातार जंगली जानवरों एवं सर्प दंश से बचने हेतु समझाइश दी जा रही है। वन्य प्राणियों के सुरक्षित रहवास एवं पीने के पानी के लिए झिरिया एवं तालाब की व्यवस्था की गयी गयी है जिससे विगत 2 वर्षों में मानव-वन्यप्राणी द्वन्द में कमी आई है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन चर्चा में बताया घायल तेंदुआ को बचाने की भरसक प्रयास किया गया लेकिन उसके गर्दन में घाव और चोट आने के कारण इलाज के लिए ले जाने के दौरान उसकी मृत्यु हो गई ।