कोशली भाषा आंदोलन में सैकड़ों कवि और लेखक शामिल
कोशली अकादमी एवं संविधान के आठवें अनुच्छेद में स्थान देने की मांग
बलांगीर। कोशलांंचल के विभिन्न जिला में व्यवहार होने वाला कोशली भाषा को संविधान के आछठवें अनुच्छेद में स्थान देने सहित संविधानिक मान्यता देने, कोशली अकादमी गठन करने की की मांग को लेकर बलांगीर में एक विशाल रैली निकाली गई। इसमें सैकड़ों कवि एवं लेखकों सहित सारस्वत संस्थान के पदाधिकारी शामिल होकर रैली में शहर की परिक्रमा कर धरना प्रदर्शन किया। कोशली क्रीयानुष्ठान कमेटी की ओर से आयोजित रैली स्थानीय पाटणेश्वरी मंदिर परिसर से निकलकर पूरे शहर की परीक्रमा करने के बाद अमलाभावन मेंं पहुंची। वहां एक सभा का आयोजन किया गया।
रैली में तरभा के कोशल साहित्य अकादमी, तहंक कुटुम, कोशली लोकनृत्य अकादमी, पाटनागढ़ के कोशलीडेरा, टिटिलागढ़ का कोशली सुरक्षा समिति, करतरंग के महाखला, कोशल प्रवाहकुटुम, प्रवासीकुटुम, टिटिलागढ़ कोशली कुटुमस डपंगुरीपाली का दरपन कुटुम, पाटनागढ़ कात्रीशक्ति साहित्य संंस्थान आदि सारस्वत एवं सांस्कृतिक संस्थान शामिल थे। विषेशकर ध्वनीसाधक गुरुश्री डॉ। घासीराम मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में प्रोफेसर मधुसूदन पति, संयोजक साकेत श्रीभूषण साहू, ओड़िया साहित्य अकादमी के सदस्य संजय कुमार मिश्र, पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वजीत नायक, समाजसेवी शांतनु नायक, अध्यापक दिलीप पसायत, आनंदचंद्र साहू, सत्यनारायण नायक, देवेन्द्र नायक, धरमसिंंह धरुआ, अलेख षांढ, रामभक्त फरिकार, निमार्इंचरण पाणिग्राही, कपिलेश्वर खमारी, निरूपमा उद्गाता, अनुप्रीया मिश्र, गणेश बारिक, दिलीप सराफ, प्रभाषिनी भोई, पुष्पांजली बुड़ेक आदि कोशली भाषा प्रेमी भाषा के संबंध में चर्चा की। सभा को कविव सुशांत बाग ने संयोजन किया। कवि राजेश दंडसेना ने धन्यववाद ज्ञापन किया। अन्य लोगों में कोशल संयुक्त क्रीयानुष्ठान कमेटी के बलांगीर अध्यक्ष विक्रम बहिदार, मनोरंजन साहू, रघुनंदन सिंह, सेवानिवृत सैनिक संघ के सचिव प्रताप रथ, सुजित शतपथी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाया।