अधिकारियों से मिलीभगत कर जेसीबी से करवाया जा रहा निर्माण
टाईगर रिजर्व उदंती अभ्यारण्य में शासन के नियमों को ताक में रखकर निर्माण कार्यो को दिया जा रहा है अंजाम
मैनपुर । सच और झूठ को लेकर अक्सर यह कहावत सुनने को मिलती है कि जंगल में मोर नाचा, किसने देखा, इस कहावत के तर्ज पर वन परिक्षेत्र उदंती सीतानदी रिजर्व टाइगर क्षेत्र में जॉब कार्डधारी मजदूरों को दरकिनार कर मनरेगा के तहत मशीन से काम लिया जा रहा है । शासन द्वारा महात्मा गांधी के नाम पर चल रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में लूट मची है । योजना के क्रियान्वयन में लगे सेवक मूल अभिलेख में प्रदर्श रोजगार के मानव दिवस सृजन आंकड़े विधिक रूप से संधारित नहीं कर रहे हैं । जेसीबी मशीन से मार्ग मरम्मत का कार्य करवा रहे हैं । अफसर शाहों के गढ़ कहे जाने वाले जिला गरियाबंद में मनरेगा मजदूरों के हक पर डाका डालने का सिलसिला लाख कवायद के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है । सरकार विकास योजनाओं में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ अधिकारी सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर अपना निजी स्वार्थ को पूरा करने और शासन की महत्वकांक्षी योजना पर पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है और खुलेआम मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन का उपयोग कर रहे हैं ,परिणाम यह हैं कि वन विभाग के दबाव में आकर यहां के मुखिया पदाधिकारी के नक्शे कदम पर चलने को मजबूर हो गया है । ज्ञात हो कि अक्सर विवादों में रहने वाला उदंती सीतानदी रिजर्व टाइगर क्षेत्र के अंतर्गत वन परिक्षेत्र उदंती के अधिकारियों द्वारा शासन के पैसे का लगातार बन्दरवाट कर रहे है जिसका जिता जागत उदाहरण वन विशेष मरम्मत कार्य साहेबिनकछार से भूतबेड़ा पहुंच मार्ग जिसका वर्क कोड (3316010024ध्त्ब्ध्1111348517) किसकी स्वीकृत राशि 31 लाख 62 हजार है, जिसमे स्थानीय नेता से मिली भगत कर मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है और स्थानीय नेता रूपी बिचैलिया की जेसीबी से कार्य करवाया जा रहा है,जबकि उच्चाधिकारियों का भी मानना है कि मनरेगा के इस कार्य मे मशीन का उपयोग नही करना है, खुलेआम मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत पहुंच मार्ग में जेसीबी मशीन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यहां के आला अधिकारी मौजूद दर्शक बना हुआ है, आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर जहां जेसीबी मशीन के कार्य करने पर भले ही विकास योजना में रफ्तार पकड़ ली है, वहीं दूसरी ओर मनरेगा मजदूर काम नहीं मिल रहा है, मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत पहुंच मार्ग में जेसीबी से कार्य करने की मुख्य वजह है कि साहेबिनकछार में वर्षो से दलाल बिचैलिए सक्रिय हैं। धरातल पर जांच होने से बड़ा खुलासा हो सकता है, अब देखना दिलचस्प होगा कि इस कार्य मे किसके नाम पर यहाँ फर्जी मास्टर रोल तैयार कर पैसे का भुगतान जेसीबी मालिक को करेंगे, इस तरीके के कार्य होने से ग्रामीणों में आक्रोश है तो है लेकिन वन विभाग में वर्षों से सक्रिय स्थानीय बिचैलिया के डर के कारण कुछ बोल नही पाते है।
क्या कहते है वन परिक्षेत्र अधिकारी
- इस संबध में चर्चा करने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी टी .आर.नरेटी ने कहा की ग्रामीणों द्वारा पहाड़ी मार्ग पर जेसीबी का उपयोग करने अनुमति मांगी गई थी लेकिन अनुमति नही दी गई और जेसीबी का उपयोग हो रहा है तो मैं आज ही नोटिस जारी करता हूँ।
- इस सबंध में चर्चा करने पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक राज विष्णु नायर ने कहा कि मनरेगा के तहत कोई भी निर्माण कार्य को मशीन के माध्यम से नही करवाना है यदि इस तरह के मशीन के माध्यम से कार्य करवाया जा रहा है तो मामले की जांच किया जाएगा ।