झारसुगुड़ा बंद आंदोलन को मिला जनसमर्थन
मामला पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को पुन कार्यक्षम बनाये रखने की मांग
झारसुगुड़ा। मंगलबाजार स्थित पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को चौबीसों घंटे चिकित्सा सेवा के रूप में कार्यक्षम बनाये रखने के साथ साथ गत 24 तारीख को चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा की गई अवेहलना के चलते 9 महीना का एक मासूम बच्चे की हुई मौत पर उसके परिवार वर्ग को न्याय दिलवाने की मांग पर अड़िग जय भीम घासी समाज द्वारा आहुत 12 घंटे का झारसुगुड़ा बंद आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन मिलता हुआ पाया गया। शहर के सभी बाजार व्यवसाय के साथ साथ गैर सरकारी कार्यालय, बैंक व शिक्षा अनुष्ठान को स्वत बंद देखा गया। यही नहीं बस एवं टैम्पो जैसे वाहनों का भी चलाचल एक प्रकार से बंद नजर आया। मिली जानकारी अनुसार जय भीम घासी समाज के लोगों द्वारा शनिवार सुबह 6 बजे से बीटीएम बाईपास चौक, बेहरामाल चौक, बड़माल चौक समेत स्टेशन चौक, झंडाचौक पर अपना प्रदर्शन करते बड़े वाहनों की आवाजाही को रोकने का काम किया जा रहा था। इस बात की जानकारी पहले से ही पुलिस प्रशासन के पास थी लिहाजा पुलिस प्रशासन द्वारा बड़माल चौक, बीटीएम बाईपास चौक व बेहरामाल चौक के एनएच व एसएच मार्ग को सुचारु बनाये रखने के लिये आंदोलनकारियों को वहां से गिरफतार कर कानून व्यवस्था को बनाये रखने का कार्य किया गया। परंतु स्टेशन चौक पर झारसुगुड़ा बंद पालन को लेकर प्रदर्शन पर बैठी जय भीम समाज की सैकड़ों महिलाओं की उपस्थिति को देखते हुये कई बार उनसे बातचीत करने का प्रयास किया गया। प्रशासन की ओर से आये अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन की बातों का आंदोलनकारियों पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिखा एवं वे अपनी मांग पर अड़िग रहते हुये मृत मासूम बच्चे के परिवार को न्याय दिलवाने के साथ साथ पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को पूरी तरह से कार्यक्षम बनाये रखने की मांग करते रहे। समाचार लिखे जाने तक जय भीम घासी समाज के काफी बड़ी संख्या में पुरुष व महिलाओं का इस झारसुगुड़ा बंद आंदोलन में योगदान बना हुआ था। जय भीम समाज के इस झारसुगुड़ा बंद आंदोलन के चलते बाजार दुकान बंद रहे परंतु आम जन जीवन पर इसका असर पडता हुआ नजर आया। बस व ट्रेनों से आवाजाही करनेवाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करते हुये देखा गया।
उमेश बेहरा (अध्यक्ष जय भीम घासी समाज) – घासी समाज का यह आंदोलन सभी समाज के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुये एक गैर राजनैतिक आंदोलन है। चिकित्सकों की अवहेलना व चिकित्सा के अभाव के चलते एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को नूतन जिला मुख्य चिकित्सालय में स्थानांतरण करने से पूर्व इस चिकित्सालय को सभी सुविधाओं से परिपूर्ण सिटी हस्पिटल के रूप में कार्यक्षम रखने की बात कही गई थी। आज न यहां इलाज हो पा रहा है और न ही सही ढंग से नूतन जिला मुख्य चिकित्सालय में मिल पा रहा है। गत एक सप्ताह से पुराना चिकित्सालय परिसर के सामने घासी समाज द्वारा आंदोलन किया जा रहा है एवं प्रशासन द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जाने के चलते आज यह 12 घंटे का झारसुगुड़ा बंद आंदोलन किया गया जिसमें शहर के सभी वर्ग के लोगों ने स्वेच्छा से बंद को अपना समर्थन दिया है।
अनेक दिशा निर्देश देने की पहल हो रही
जीवी मगराज (एक्जेकेटिव मजिस्ट्रेट) झारसुगुड़ा मंगल बाजार स्थित पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को नूतन बने जिला मुख्य चिकित्सालय में स्थानांतरण करते समय प्रशासन द्वारा अंचल के लोगों की बात को गंभीरता से लेते हुये विभागीय अधिकारियों के समक्ष उन बातों को रखा गया था। सरकार के द्वारा भी इस चिकित्सालय को पुन सुचारु रुप से संचालित करने के लिये अनेक दिशा निर्देश देने की पहल हो रही है। सभी सुविधाओं से परिपूर्ण एक सौ शय्या विशिष्ठ नूतन चिकित्सालय के रुप में इसे बनाये जाने का कदम उठाया जा रहा है। नियमानुसार जिला में एक ही जिला मुख्य चिकित्सालय कार्यक्षम रहता है। जहां तक पुराना जिला मुख्य चिकित्सालय को कार्यक्षम रखने की बात है तो उसे पीपीपी मोड़ में एक नये स्वरुप के साथ बनाये रखने पर कार्य चल रहा है।
पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए
सुशील पाणीग्राही (एडीसनल एसपी) – पुलिस प्रशासन का काम कानून व्यवस्था को बनाये रखने का है। आंदोलन में एनएच व एसएच मार्ग को वाधित करने के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा वहां से आंदोलनकारियों को हटाने व आवाजाही को सुचारु बनाने का कार्य किया गया। आम लोगों को हो रही असुविधाओं के चलते बस स्टेण्ड व स्टेशन चौक पर बैठे आंदोलनकारियों से भी सहजता के साथ बातचीत करने का प्रयास किया गया परंतु वे अड़िग रहे।