‘कबाड़ से जुगाड़’ कर गार्डन तो हुआ तैयार मगर आजादी के समय का आम रास्ता हुआ बंद..
1 min readबच्चों के सुरक्षा के लिहाज से राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे स्थल का चयन सही नही
मनीष शर्मा,8085657778
मुंगेली/ कबाड़ से जुगाड़ से जिला न्यायालय के सामने की कालोनी के एक हिस्से में गार्डन अन्य रूप से संवारने की कोशिश की गई है आनन फानन में प्रशासनिक पहल के चलते सबकी मौन सहमति भी रही आजादी के समय से चले आ रहे कालोनी के दस फिट का आम रास्ता एक तरफ से गार्डन बनने के कारण बंद कर दिया गया। हालांकि कबाड़ से जुगाड़ की अवधारणा असल रूप में कारगर तब मानी जा सकती है जब बरसात के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाये गार्डन को पूरी तरह से व्यवस्थित रखा जा सके।कबाड़ से जुगाड़ में निर्मित गार्डन के पास अभी आस पास नाली की व्यवस्था नही है बरसात दौरान जलभराव एक समस्या बन सकती है। राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे इस गार्डन को भविष्य के हिसाब से सड़कों के चौड़ीकरण, विस्तार के समस्त नेस्तनाबूत कर दिए जाने की भी एक सम्भावना बनेगी।
बता दें मुंगेली कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे की पहल पर मुंगेली में “कबाड़ से जुगाड़” कर एक गार्डन तैयार किया गया है।यह गार्डन मुंगेली जिला न्यायालय के ठीक सामने बनाया गया है। जिसमें अधिकांश चीज कबाड़ से जुगाड़ किया जाना बताया जा रहा है।निमाणाधीन गार्डन का जायजा लेने जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश नरेंद्र भूरे एवं जिला पंचायत सीईओ नुपुर राशि पन्ना एवं प्रशासनिक टीम द्वारा देखरेख कर बनवाया गया।इस दौरान उनके द्वारा निर्माण कार्य में जुटे टीम को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गए।
इन सामग्रियों का किया गया है उपयोग
बताया जा रहा है कि कबाड़ से जुगाड़ में निर्मित इस गार्डन रूपी जगह के लिए प्लास्टिक के डिब्बे, ड्रम, टूटी-फूटी प्लेट्स, रद्दी कार्टून, अखबार के पन्ने, दो पहिया व चार पहिया वाहनों के पुराना टायर जैसे कई कबाड़ सामग्रियों का उपयोग गार्डन निर्माण में किया गया है।जिसे हम अनुपयोगी समझ कर फेंक देते है।
बिहान बाजार एवं केंटीन के लिए पर्याप्त जगह का होगा अभाव
आम रास्ता बाधित कर बनाये गए गार्डन परिसर के अंदर बाकायदा गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के तर्ज पर बिहान बाजार व कैंटीन तैयार कर संचालित करने की परिकल्पना है। मगर राष्ट्रीय राजमार्ग के इस गार्डन में यह कितना सार्थक हो पाएगी यह भी विचारणीय है।इस गार्डन, कैंटीन, बिहान बाजार के आसपास पुलिस अधीक्षक निवास,न्यायधीश निवास है जहां दिन भर बसों के आवागमन सहित कोलाहल वातावरण में गार्डन को विकसित कर बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
मॉडल के तर्ज बनाया मगर अन्य जगहों में स्थायी व्यवस्था से हो गार्डन निर्माण
हालांकि कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बताया कि मुंगेली में गार्डन की कमी को देखते हुए कबाड़ से जुगाड़ कर गार्डन की संकल्पना शहरवासियों एवम संस्था से प्राप्त चीजें का उपयोग कर एक गार्डन को मूर्त रूप दिया जा रहा है। आगे चलकर जिले के लोरमी, पथरिया व सरगांव क्षेत्र में भी इस गार्डन मॉडल पर काम किया जाएगा। मगर एक हकीकत यह भी है कि कबाड़ से जुगाड़ पर बनाये गार्डन से महज कुछ ही दूर कलेक्टोरेट परिषर में गार्डन,खेलकूद सामग्रियों सहित पूर्ण सुसज्जित ढंग से है कबाड़ से जुगाड़ का यह मॉडल मुंगेली शहर भीतर बनाया जाता तो सच मे बच्चों के लिए गार्डन विहीन मुंगेली शहर भीतर यह मॉडल गार्डन एक भव्य रूप लेता। भविष्य में शासन, प्रशासन की ऐसी कोई योजना बने तो शहर भीतर पुराने बस स्टैंड,गांधी प्रतिमा वाले स्थल के लगभग एक एकड़ भूमि का अभी कोई उपयोग नही किया जा रहा है शासन, प्रशासन को चाहिए कि तत्काल गांधी प्रतिमा स्थापित वाले इस स्थल को बाल उद्यान के रूप में विकसित कर शहर भीतर वास्तविकन एक सुंदर गार्डन, कैंटीन, चौपाटी जैसा विकसित किया जाय।