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November 16, 2024

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कृष्णकुमार सैनी ने 50 दिनों में पूरी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा

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  • इरादे मजबूत और हौसले बुलंद हो तो कठिन रास्ते भी आसान लगते हैं
  • शेख़ हसन खान, गरियाबंद

गरियाबंद। इरादे मजबूत और हौसलें बुलंद हो तो कठिन रास्ते भी आसान लगते है। अपने इन्हीं मजबूत इरादों और बुलंद हौसलों की बदलौत जिले के एक युवा ने नया इतिहास रच दिया है। नवापारा-राजिम निवासी कृष्ण कुमार सैनी ने कन्याकुमारी से कश्मीर लगभग 3600 किमी का सफर 50 दिन में तय किया है। इसके साथ ही वे कन्याकुमारी से कश्मीर पैदल सबसे कम समय में तय करने वाले शख्स बन गए है। अपनी यात्रा के संबंध में जानकारी देते हुए कृष्णकुमार सैनी ने बताया कि उन्होंने 05 जनवरी को कन्याकुमारी स्थित महात्मा गांधी स्मारक से अपनी पदयात्रा की शुरुवात की थी और 24 फरवरी को श्रीनगर के लाल चैक पहुंचकर संपन्न की। उन्होंने 12 राज्यों से गुजरकर 3600 सौ किमी का सफर तय करते हुए 50 दिन 04 घंटे में अपनी पदयात्रा पूरी की है। एक भारत श्रेष्ठ भारत नारे के साथ उन्होंने यह पदयात्रा की है।

पदयात्रा के मकसद के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कृष्णकुमार सैनी ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एक भारत श्रेष्ठ भारत नारे के साथ उन्होंने अपनी पदयात्रा की है। उन्होंने कहा कि दुनिया मे भारत एक है और सर्वश्रेष्ठ भी है। भारत जिस तरह अपने गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली परंपराओं के साथ विकास की राह पर निरंतर अग्रसर है, कुछ विदेशी ताकतों और पड़ोसी मुल्कों को यह रास नही आ रहा है। ये अक्सर भारत को नीचा दिखाने की फिराक में लगे रहते है। सैनी ने कहा कि वे अपनी पदयात्रा के माध्यम से ऐसे लोगों को बताना चाहते है कि भारत ऐसे लोगों से डरने वाला नही है। सैनी ने कहा कि भारतीय सरकार और यहां के युवा ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। सैनी ने बताया कि उनके लिए यह पदयात्रा कई मायनों में अहम है। इस दौरान उन्हें अलग-अलग राज्यों का भ्रमण करने, वहां के लोगों को करीब से समझने एवं उनकी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को जानने का अच्छा मौका मिला है। इस दौरान 50 दिन की पदयात्रा में कई ऐसे मौके आये जो उनके जीवन मे यादगार बन गए। सबसे अहम सीख उन्हें ये मिली कि किसी भी काम की सफलता के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा के दौरान कई ऐसे मौके आये जब उन्हें लगा कि अब उनके लिए इसे समय पर पूरा करना संभव नही होगा लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत वे इसे समय पर पूरा करने में सफल रहे। सैनी ने बताया कि अब वे जल्द ही अपनी पदयात्रा से जुड़े दस्तावेज गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को भेजने वाले है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो ये रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो सकते है। फिलहाल यह रिकॉर्ड नौसेना के दो अधिकारियों के नाम दर्ज है। उन्होंने पिछले साल ही 52 दिन में इसे पूरा कर यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

 

श्री सैनी ने बताया कि उनकी पदयात्रा का स्टार्टिंग और एंडिंग बहुत चैलेंजिग रहा। कन्याकुमारी से जब उन्होंने पदयात्रा शुरू की उस समय ठंड के मौसम के बावजूद भी भारी उमस का सामना करना पड़ा। हालात ऐसे बने कि गर्मी से बचने के लिए 3 दिन रात में भी पदयात्रा करनी पड़ी। शुरुवाती दिनों में खान-पान को लेकर भी भारी परेशानी खेलनी पड़ी। वही एंडिंग के दौरान भूसंखलन के कारण रास्ते जाम होना उनके लिए बड़ा चैलेंजिग रहा।

सैनी ने इस दौरान भारतीय सेना की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जम्मू से श्रीनगर तक सेना के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात है ताकि सैलानी बिना किसी डर भय के कश्मीर की यात्रा का लुफ्त उठा सके। अपने साथ हुई एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने सेना के जवानों की सूझबूझ की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि घटना जम्मू से तकरीबन 35 किमी आगे की है।