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December 23, 2024

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लोकडाउन से खून की कमी ने ली एक जान

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Lack of blood from the demise killed one

मां के दूध को तरस रही है डेढ़ माह की बच्ची
दाने दाने को मोहताज था परिवार
ब्रजराजनगर/झारसुगुड़ा-
जिला के बंधबहाल अंचल में रहने वाला यूपी बलिया का एक परिवार इस लोकडाउन के कारण बिखर गया । दाने दाने को मोहताज था यह परिवार नोकरी छूट गई थी । घर मे कुछ था नही ऊपर से बीमारी ने चार बच्चों को मां को मौत ने अपने आगोश में ले लिया प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी बलिया से आकर बंधबहाल में एमसीएल के लखनपुर एरिया में कार्यरत एक निजी संस्था में कार्य करने वाला सुनील पांडे को लोकडाउन से मात्र एक माह पहले ही उसके मालिक ने निकाल बाहर किया था । उसके बाद से ही सुनील नोकरी के तलाश में घूम रहा था । इसी बीच उसकी 34 वर्सिय पत्नी सोभा पांडे ने अपनी चौथी संतान को जन्म दिया और खाने पीने की कमी के कारण उसे खून की कमी होकर कमजोर और बीमार हो गई जिससे उसके पति ने उसे लेकर झारसुगुड़ा सरकारी अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे खून की कमी बताई । जब सुनील पांडे खून के लिए रक्त बैंक गया तो उसे पता चला कि खून तो वहां मौजूद ही नही है उसके बाद उसने खुद का खून देने की बात कही मगर उसके खून ग्रुप अलग होने के कारण डॉक्टरों ने असमर्थता जताई काफी खोजने के वावजूद उसे खून मुहैया नही हो पाया जिससे उसकी पत्नी का देहांत हो गया । इसी बीच सुनील के पास अपनी पत्नी के दाहसंस्कार के लिए भी पैसे नही थे जब इसकी जानकारी झारसुगुड़ा के कुछ समाजसेवीयो को हुई तो उन सबने मिलकर उसे आपस मे चंदा कर दाहसंस्कार के लिए पैसे दिए । वही सुनील ने दाहसंस्कार तक अपने पास चारो बच्चों को रखने में असमर्थता जताते हुए कहा कि उसके घर मे कोई नही है । अतः कामक्रिया पूर्ण होने के बाद वह अपने बच्चों को ले जाएगा तब जाकर उन बच्चों को झारसुगुड़ा के चाइल्ड लाइन वालो ने 15 दिन के लिए रखव लीया ताकि सुनील अपने बीबी का कामक्रिया करके उसे ले जाए । वही उस डेढ़ से दो माह की बच्ची अपने माँ के दूध को तरस रही है । सुनील के सबसे बड़ा बेटा करीब 10 वर्ष का है उसके दो बेटा तथा दो बेटियां है । इधर लोकडाउन के वजह से उसे नोकरी मिलना भी सम्भव नही है तो फिर वह कैसे अपने बच्चों को पालेगा ओर जब वह काम पर बाहर जाएगा तो कौन उन छोटे बच्चों की देखभाल करेगा । ऐसे कई सवाल अब लोगो के जेहन में उठ रहे है । वही दूसरी तरफ लोकडाउन में खून की कमी से हुई मौत से जहां मानवता फिर एक बार सर्मसार हुवा है । वही उन समाजसेवीयो की सभी के द्वारा प्रसंसा भी की जा रही है और एक सवाल सबके जेहन में छोड़ रही है कि मौत एक कि हुई मगर भूख ओर तिलतिल मरने वाला पूरा परिवार और चार बच्चे भी है।जिसको कौन बचाएगा।

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