बिना अनुमति शहर में अवैध प्लाटिंग का चल रहा खेल,प्रशासन बेखबर, राजस्व का लगा रहे चूना,मुंगेली में अवैध प्लाट कटुवाओ के हौसले बुलंद,सत्ताप्रभाव के धौंस से कर रहे जमींन की अफरातफरी
1 min readमनीष शर्मा,8085657778
बिलासपुर/मुंगेली/पंडरिया/लोरमी-बिलासपुर, कवर्धा, मुंगेली जिले मेंअवैध प्लाटिंग, जमीन की अफरा तफरी रोकने में प्रशासन हर समय विफल रही जिसका प्रमुख कारण भूमाफियाओं, जमीन दलालों द्वारा सत्ताप्रभाव, आर्थिक प्रलोभन के बनिस्बत ये गोरखधंधा रोकने में नाकामयाबी ही हाथ लगी।मुंगेली जिला बनने के बाद करोड़ो अरबो के अवैध प्लाटिंग हुए मगर कार्यवाहियों के नाम पर नतीजा सिफर रहा।
बता दें जमीन के अवैध कारोबार में जमीन दलालो,भूमाफियाओं सहित अनेक अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें भी पुलिस प्रशासन में हुई मगर हर शिकायतें रद्दी की टोकरी में ही डाल दिया गया। वर्तमान में जमीन धोखाधड़ी के कई मामले लंबित है। फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन बेचने के भी बहुत से मामले लंबित है।पीड़ित पक्षकार दर दर भटक रहे है मगर उनके साथ धनप्रभाव,सत्ता के धौंस के सामने बेबसी झेलनी पड़ रही है।
मुंगेली शहर के भीतर ही नहर इलाके से लगे जमीनों पर अवैध रूप से प्लाट काट प्लॉट कटुआ गिरोह ने भोलेभाले लोगो को नहर की जमीनों को आम रास्ता बताकर प्लाट बेचा गया जबकि नहर की जमीन आम रास्ता नही है भविष्य में विभाग द्वारा नहर के विस्तार दौरान यह मार्ग नही होंगे उसके बावजूद आज सैकड़ों लोग नहर से लगी सरकारी जमीन को आम रास्ता जान धोखाधड़ी के शिकार हो चुके है।
प्रशासन कुभकर्णीय नींद में,अवैध जमीन कारोबारी लोगो को चुना लगाते रहे
बता दें चूंकि शहरों के भीतर अधिकांश खेत काश्तकारों के ही रहे है जिला बनने के बाद ये अवैध जमीन के कारोबारियों के झांसे में आकर अपनी बेशकीमती जमीनों का सौदा कर इनके चंगुल में फसते गए नतीजा यह भी रहा कि काश्तकारों के हाथों से वो जमीन भी गयी धोखाधड़ी से उनसे इकरारनामा के हवाले पावर आफ अटॉर्नी ले लिया गया और पूरी जमीन बेच दिए जाने के बाद तयशुदा समय पर रकम नही दिया गया।अनेको ऐसे मामले सामने आये जब मजबूरी में बेंचे जमीनों का समय पर पैसा नही मिलने के कारण इलाज अभाव में मौत जैसी घटनाएं भी हुई।मगर झूठ फरेब,सत्ताप्रभाव और जालसाज़ी से पावर ऑफ अटॉर्नी ले लेने के कारण अब ऐसे काश्तकार बेबस और लाचार ही रहे है,बावजूद पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक जमीनों की धोखाधड़ी, जालसाजी वाले मुंगेली जिले में जिला प्रशासन किसी भी जमीन कटुआ के खिलाफ कार्यवाही की हिम्मत नही जुटा पायी।
जिले के नाक कहे जाने वाले कलेक्टोरेट परिसर के समीप बहुत बड़ा भु खंड करोड़ो में बेंच दिया गया जबकि उस भूखंड के लिए कोई रास्ता ही नही है उस भूखंड से लगे रोड की जमीन नजूल की है जिसे पंचायत द्वारा दुकान बनाने का प्रस्ताव किया गया है मगर धड़ल्ले से प्रशासन की नाक कहे जाने वाले जगह पर बिना रास्ता के लोगो को गुमराह कर करोड़ो की अवैध प्लाटिंग कर दी गई।
वर्तमान में मुंगेली बिलासपुर मार्ग पर शहर से लगे एलआईसी ऑफिस के पास की एक जमीन जिसकी बिक्री फर्जी ढंग से की गई थी उस रजिस्ट्री को शून्य भी कर दिया गया बावजूद उस मामले को एसडीएम ऑफिस में मामला लगाकर स्थगन आदेश लाकर गुमराह करने का काम किया जा रहा है जिससे एक ही जमीन को दो पक्षों द्वारा बेच दिए जाने के कारण आये दिन यहां बड़े विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।मगर जालसाज द्वारा स्टे के हवाले से विक्रेता को गुमराह किया जा रहा है।शीघ्र ही पूरे मामले का खुलासा thenewdunia. com करेगा।प्रशासन को चाहिए ऐसे प्रकरणों में दोषियों पर संगीन अपराध दर्ज कर भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन होने का परिचय दे।सत्ताप्रभाव के सामने नतमस्तक ना होकर दोषियों पर कार्यवाही हो ताकि भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी की पुनरावृत्ति ना हो।
टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमति लिए बिना किए जा रहे अवैध प्लाटिंग में सडक़, नाली, पेयजल की व्यवस्था व गार्डन आदि सुविधाएं नहीं
शहर में अवैध प्लाटिंग का अवैध धंधा जोरों पर चल रहा है। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमति लिए बिना किए जा रहे अवैध प्लाटिंग में सडक़, नाली, पेयजल की व्यवस्था व गार्डन आदि सुविधाएं नहीं है। इन सुविधाओं के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा शासन के करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे शासन को दोहरा नुकसान हो रहा है।
बता दें जमीन के बिचौलियों के द्वारा आम जनता को कम कीमत पर प्लाट देने का लालच देकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है। ग्राहक भी नियम कायदे की जानकारी के अभाव में उनके चंगुल में फंसते जा रहे है। मुंगेली शहर का कोई भी कोना इन जमीन के दलालों से अछूता नहीं है, जहां इनके द्वारा अवैध प्लाटिंग न किया जा रहा हो। करीब 8-10 वर्षों से चल रहे इस गोरखधंधे पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अवैध प्लाटिंग के खेल में कथित नेताओं, पटवारी व राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी भागीदारिता स्वाभाविक है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि मुंगेली को जिला बने 8 वर्ष हो गएऔर इन 8-10 वर्षों से पहले से अवैध प्लाटिंग का सिलसिला जारी है। जिला बनने के बाद यहां मुख्यालय में कलेक्टर के बैठने से बहुतों की उम्मीदें जगी थी, लेकिन अवैध प्लाटिंग पर कोई कार्रवाई न होने से धूल धूसरित हो गई।मुख्यालय के चारों दिशाओं में हो चल रहे अवैध प्लाटिंग पर अधिकारियों की चुप्पी से कॉलोनाइजर के हौसले काफी बुलंद है।
मुंगेली जिला बनने के पहले ही शहर में अवैध प्लाटिंग का जाल फैला हुआ था। प्रशासन का उन पर कोई दबाव नहीं था। मुंगेली के जिला बनते ही जमीन बिचौलियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई। जिला बनने के बाद से यहां कलेक्टर का बैठना प्रारंभ हो गया। लेकिन अभी तक किसी कॉलोनाइजर पर नियमानुसार कार्यवाही नही हुई।
बता दें पूर्व में कलेक्टर द्वारा नगर पालिका परिषद को अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कार्रवाई करने पत्र लिखा गया। साथ ही नगर पालिका परिषद की बैठक में सीएमओ द्वारा परिषद को यह जानकारी दी गई कि नगर पालिका क्षेत्र में विकसित होने वाली कोई भी कॉलोनी वैध नहीं है। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पावर ऑफ अटार्नी का दुरुपयोग
मुंगेली में अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनाइजरों की बाढ़ सी आ गई है। आम जनता व प्लाट खरीदने वाले को खरीदने के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कॉलोनाइजरों की चांदी है। वे प्लाटिंग करने के चक्कर में कुछ बिचौलिए भोले भाले किसानों से करोड़ो की जमीन का सौदा कर चंद रुपयों का बयाना देने के उपरांत उनके भोलेपन का भरपूर फायदा उठाकर नाजायज ढंग से इकरारनामा के बजाय पावर ऑफ अटार्नी ले रहे है। बाद में भोले-भाले किसान सरकारी नियम कानून के चक्कर में फंसते है और जमीन के बिचौलिए साफ बच निकलते हैं।
बाहर की टीम से निष्पक्ष जांच हो तो ही बनेगी बात
पूरे शहर में राजस्व विभाग, पटवारी व नेतागिरी के संरक्षण में अवैध प्लाटिंग जोरों पर है। इस पर कोई लगाम नहीं है। सूत्रों के अनुसार शहर में ऐसे भी जमीन बिचौलिए सक्रिय हैं, जो सरकारी जमीन पर भी प्लाटिंग कर चुके हैं या प्रयास कर रहे हैं। यदि बाहर की टीम से निष्पक्ष जांच कराया जाए तो कई जमीन बिचौलियों सहित पटवारी और राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
राजस्व अधिकारियों के संरक्षण में हो रही अवैध प्लाटिंग
पंडरिया रोड में शक्ति माई मंदिर के पास, शक्ति माई मंदिर के मुख्य द्वार के सामने, शिक्षक नगर, पेन्डाराकापा, सूरीधाट, नवागढ़ रोड़ में कई जगह, साइंस कॉलेज के पास, एसएनजी कॉलेज के सामने, परमहंस वार्ड में खर्राघाट पास, शिवाजी वार्ड में, उपलेटा राइस मिल के पास, बिलासपुर रोड में एलआईसी कार्यालय के आगे, कलेक्टर बंगले की पीछे व सामने करही देवरी रोड आदि ऐसे ही कई और जगह हैं, जहां अवैध प्लाटिंग कर नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
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