विधायक ने मरीज की मरहमपट्टी से लेकर चखा आहार केंद्र का भोजन
1 min readआंदोलकारियों के रवैये पर क्षोभ जताने पर गरमाई राजनीति
राउरकेला। मानवीय मूल्यों को नजरअंदाज कर राउरकेला सरकारी अस्पताल आरजीएच के अस्थायी कमर्चारियों व अटेंडेंट की मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद भी स्वास्थ्य सेवा ठप करने पर क्षोभ जता कर नगर विधायक शारदा नायक द्वारा आॅपरेशन आरजीएच को अंजाम देने पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बौखलाहट बढ़ गई है और शहर की राजनीति की तपिश बढ़ गई है। आरजीएच में मरीजों के इलाज से लेकर परिजनों के भोजन की सुध ले राजनीति दलों के साथ आरजीएच प्रबंधन को आईना श्री नायक ने दिखाया,यहां मरीजों के परिजनों के लिए बने आहार केंद्र की अव्यवस्था पर भी गहरी नारजगी दिखायी। उन्होंने मरीज की मरहमपट्टी से लेकर आहार केंद्र का भोजन चखा और मानवीय मूल्यों को नजरअंदाज करने के लिए आंदोलकारियों के रवैये पर क्षोभ जताने पर ही शहर की राजनीति गरमा गयी है, जो आम व खास में चर्चा का विषय बना है। उल्लेखनीय है कि दो पहले जब मानवीय मूल्यों को नजरअंदाज कर आरजीएच के कर्मचारियों ने मरीजो को उनके हाल पर छोड़ कर आंदोलन किया तो विधायक शारदा प्रसाद नायक अपने पुराने रूप में नजर आए।
राउरकेला सरकारी अस्पताल में कमर्चारियों के धरने से मरीजों की चिकित्सा सेवा प्रभावित होने की सूचना मिलने पर वे समथर्कों के साथ अस्पताल पहुंच गए। जैसे ही विधायक पहुंचे।उन्होंने देखा जरूरी सेवाओं के कक्ष बंद पड़े थे। यह देखकर वे नाराज हो गए और कर्मचारियों की वहीं क्लास लगा ली। हालांकि धरना दे रहे कुछ कमर्चारियों ने विधायक को वस्तुस्थिति समझने की सलाह भी दी। कर्मचारियों ने तर्क दिया कि उनकी तनख्वाह सहित अन्य मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही, लिहाजा उनके पास धरना छोड़कर और कोई विकल्प नहीं है। वहीं, विधायक ने कहा कि धरना का मतलब यह नहीं है कि मरीजों की सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। लेकिन उनकी बातों का जब कमर्चारियों पर कोई असर नहीं हुआ तो विधायक खुद ही मरीजों की मरहम पट्टी करने में जुट गए। अपने सर्मथकों को भी उन्होंने इस काम में लगा दिया। इस पूरे घटनाक्रम का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।नतीजतन शहरवासियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी। कुछ ने विधायक के पहल की सराहना की तो कुछ लोग कर्मचारियों की मांग पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के पक्ष में थे। आंख से देखकर रहा नहीं गया। विधायक शारदा नायक ने कहा कि जब वे आरजीएच पहुंचे तो देखा कि लोगों की लंबी कतार रजिस्ट्रेशन के लिए लगी हुई है। लेकिन कोई कमर्चारी रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहा। इसके अलावा बैंडेज करने के लिए केवल एक सिस्टर मौजूद है और वहां कोई नहीं है।मैंने मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया। इसके बाद बैंडेज भी किया।मेरा कहना है कि विरोध का सभी अधिकार है लेकिन इसका एक तरीका होता है। चिकित्सक, आइएएस, विधायक, सांसद सभी विरोध करते हैं लेकिन आम लोगों के कीमत पर नहीं। आरजीएच में देखने को मिला कि एक तो कमर्चारी धरने पर हैं और काम नहीं कर रहे वहीं जो कुछ लोग काम करने के लिए भेजे गए उन्हें भी रोक दिया गया। लिहाजा यह कदम उठाना पड़ा।