मैनपुर क्षेत्र के जंगल में तेंदुआ भी सुरक्षित नहीं, खाल के साथ कई गिरफ्तार
- टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल से वन्य प्राणियों के तस्करों को किया जा रहा गिरफ्तार
- क्षेत्र के जंगलो में न तो वन्य प्राणी सुरक्षित है और न ही कीमती जंगल
- क्षेत्र में जो कार्य वन विभाग को करना चाहिए वह कार्य कर रही है पुलिस वन विभाग पर लोग उठा रहे है सवाल
- अवैध शिकार पर रोक नही वन्य पशुओं के खाल व शव बटोर रहे है फाॅरेस्ट वाले
शेख हसन खान/ मैनपुर –
गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में पिछले चार पांच वर्षो से देखने को मिल रहा है, जिस कार्य को वन विभाग को करना चाहिए वह कार्य पुलिस विभाग कर रही है, लगातार क्षेत्र के जंगलों में अवैध शिकार और जंगलो के अवैध कटाई के मामले बडे है और हर बार पुलिस विभाग ही वन्य प्राणियों के खालों की तस्करी करने वालों को पकडा है, और तो और जिंदा तेन्दुआ का बच्चा, जिंदा पेंगोलियन की भी तस्करों को पुलिस ने काफी सक्रियता के साथ इस क्षेत्र के जंगलो में पकडकर सलाखों के पीछे भेजा है , इसलिए लगातार पुलिस विभाग के सक्रियता और उनके कार्य की जंहा एक ओर क्षेत्र के लोग प्रशंसा कर रहे है वही दुसरी ओर जिस वन विभाग की जिम्मेदारी जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना है उनके कार्यशैली पर क्षेत्र के लोग सवाल खडे कर रहे है। ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में उंदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व है, और यहा काफी महत्वपूर्ण जंगल है, जंहा अनेक प्रकार के वन्य प्राणी पाऐ जाते है,और इस जंगल और यहा विचरण करने वाले वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा लाखो करोडो रूपये खर्च किए जा रहे है लेकिन पिछले चार पांच वर्षो में कई मरतबा ऐसे मामले सामने आए है जिन्से मुख्यालय दफ्तर और संबधित विभाग की कार्यशैली न केवल संदेह के दायरे में आ गई, बल्कि ग्रामीणों को आक्रोशित भी कर दिया है.
दरअसल लगातार इस क्षेत्र में वन्य पशु अवैध रूप से मारे जा रहे है तो कभी जंगलो के भीतर गर्मी के दिनो में पानी की कमी के कारण जंगलो से बाहर आकर दुर्घटना के शिकार हो रहे है या प्यास से उनकी जान जा रही है, वन विभाग ने संरक्षित पशुओं की सुरक्षा को ताक पर रख दिया है सुरक्षा के लिए कोई ठोस योजना अब तक विभाग के पास नही है, ज्ञात हो कि सोमवार को मैनपुर क्षेत्र के उंदती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन ऐरिया तौरेंगा वन परिक्षेत्र के सुक्लाभाठा बाघनाला के पास मोटर सायकल की डिग्गी में जंगली वन्य प्राणी तेन्दुआ की खाल को बेचने की फिराख में ओडिसा के तस्कर बुदूराम गोंड पिता सोनहरे गोंड उम्र 40 वर्ष ग्राम विजयपुर थाना रायघर ओडिसा निवासी को पुलिस ने धर दबोचा और तेन्दुआ की खाल आरोपी से बरामद किया, तथा आरोपी को जेल भेजा गया, वही तीन दिन पूर्व उंदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के ही बफर जोन एरिया कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र से ओडिसा के अंतरराज्यीय तस्कर को दुर्लभ जीव वन्य प्राणी पेंगोलियन के साथ मैनपुर पुलिस ने पकडा था और एक माह के भीतर ही गरियाबंद जिला के पुलिस ने एक तेन्दुआ की खाल के साथ महासमुन्द के पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए जिंदा पेंगोलियन को तस्करो से बरामद किया था एक माह के भीतर गरियाबंद जिला के पुलिस ने नया पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के नेतृत्व में जिस तरह से सक्रियता के साथ कार्य करते हुए लगातार वन्य प्राणियों के तस्करों को गिरफ्तार किया है जिसका पुरे जिले के लोगो के द्वारा तारीफ किया जा रहा है, तो दुसरी ओर वन विभाग के कार्यशैली पर लेाग सवाल उठा रहे है, क्योंकि जो कार्य वन विभाग को कराना चाहिए उस कार्य को पुलिस विभाग द्वारा किया जा रहा है।
मैनपुर क्षेत्र के जंगल से जिंदा तेन्दुआ की बच्चे की तस्करो भी पुलिस ने पकडा था
कुछ माह पहले मैनपुर क्षेत्र के टाईगर रिजर्व के जंगल से जिंदा तेन्दुआ के बच्चे को तस्करी कर राजधानी रायपुर ले जाया जा रहा था जिसे भी पुलिस ने ही पकडा था और तस्करो को सलाखो के पीछे भेजते हुए तेन्दुआ के बच्चे को जंगल सफारी में रखा गया था और तो और वर्ष 2018 में मैनपुर से महज 14 किलोमीटर दुर धवलपुर के जंगल में पुलिस के द्वारा बाघ की खाल बरामद किया गया था बाद में इस बाघ को उदंती सीतानदी का ही होना एनटीसीए ने पुष्टि की थी और इस क्षेत्र के जंगल में बाघ के शिकार होने की बात आम हो गई थी इसके पूर्व भी अगर नजर डाले तो मैनपुर पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा बार तेन्दुआ,पेंगोलियन व अन्य प्राणियों के खाल एंव सिंग पिछले तीन चार वर्षो के भीतर तस्करो से बरामद किया है और पुलिस विभाग के सक्रियता के चलते ही एक तरह से वन्य प्राणियों के खाल की तस्करी करने वालो में दहशत देखने को मिल रहा है।
दर्जनो वन्य प्राणियों की संदिग्ध मौते भी विभाग के कार्यशैली पर सवाल खडे करती रही है
तहसील मुख्यालय मैनपुर से मजह 06 किलोमीटर की दुरी बरदुला के जंगल में नेशनल हाईवे के किनारे दो वर्ष पहले श्यामू नामक राजकीय पशु वन भैसा की शव तीन दिनों बाद ग्रामीणों के माध्यम से वन विभाग को पता चला था इतना महत्वूपर्ण वन्य प्राणियों जो विलुप्ति की कगार पर है ऐसे वन्य प्राणी वनभैसा की मौत भी कई सवाल को खडे किया था और तो और नेशनल हाईवे में ही दर्जनों भालू, सांभर, हिरण, लकडबघ्घा, की मौत सडक दुर्घटना में पिछले कुछ वर्षो के भीतर हुई है, साथ ही मैनपुर से 14 किलोमीटर दुर दबनई फरसरा में पिछले वर्ष एक कुए के भीतर 11 फरवरी को संदिग्ध अवस्था में एक तेन्दुआ की लाश मिला था और इसी क्षेत्र के जंगल छिन्दौला आमामोरा जाने वाला मार्ग में एक वर्ष पहले ही कुछ लोगो के द्वारा नर सांभर का शिकार कर पैरो को रस्सी में बांधकर पहाडी मार्ग से नीचे उतार रहे थे जो वन अमला को देखकर वही पर वन्य प्राणी के लाश को छोडकर भागा था ऐसे एक नही दर्जनों मामले इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षो के भीतर देखने को मिला है कि दुर्लभ वन्य प्राणियों के जंहा जिंदा तस्करी, के साथ उनके खाल के तस्करी करने वालो को पुलिस ने पकडा है वही हर बार वन विभाग की कार्यशैली पर क्षेत्र की जनता सवाल ही खडे किए है।
क्षेत्र के जंगलो में घट रहा है वन्य प्राणियों के प्राकृतिक रहवासों का दायरा
ज्ञात हो कि लगातार टाईगर रिजर्व व क्षेत्र के जंगल में अवैध अतिक्रमण व अवैध कटाई के कारण जंगल का रकबा कम होता जा रहा है भले ही इसे वन विभाग नकार रहा है लेकिन सच्चाई यह है कि सडक के किनारे ही जंगल बचे हुए और अंदर तेजी से जंगलो के अवैध कटाई लगातार जारी है, मानव आबादी तेजी से जंगलो की तरफ अतिक्रमण कर रहे है, जिसके कारण वन्य प्राणियों के प्राकृतिक रहवासों का दायरा तेजी से सिमटता जा रहा है और वन्य प्राणी जंगलो को छोडकर मानव बसाहट गांव व सडक के किनारे आ रहे है, साथ ही उनका अवैध शिकार होने से इन्कार भी नही किया जा सकता।