शिव महापुराण के श्रवण से जीवात्मा, पापात्मा व प्रेतात्मा तीनों का कल्याण होता है – आचार्य पंडित युवराज
1 min read- सत्य ही राम नाम है, कलयुग में केवल नाम आधारा
- शेख हसन खान, गरियाबंद
आचार्य पं. युवराज पांडेय ने कहा कि शिव महापुराण कथा के श्रवण से जीवात्मा, पापात्मा और प्रेतात्मा तीनों का कल्याण (उद्धार) हो जाता है। उन्होंने कहा कि सत्य ही राम नाम है, भक्ति फैशन नहीं बल्कि हृदय से उठने वाली तरंग है। भगवान ने कहा है कि जो भक्त अन्नय भाव से उपासना करता है, वही भक्त भगवान को प्रिय है। भगवान को केवल प्रेम चाहिए, आस्था को दिखाने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि कोई भगवान के लिए दिखावा भी कर रहा है तो वह उसे गलत नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अनादिकाल से चला आ रहा है, सनातन धर्म प्रचार करने वालों की मंशा दूसरे धर्म की आलोचना करनाकदापि नहीं है।मालूम हो कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड अमलीपदर के जगन्नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर श्री पाण्डेय की वाणी से राजधानी के आदर्शनगर मोवा में नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा चल रही है।
मंगलवार को आचार्य श्री पांडेय ने आयोजक सुनील शुभा शर्मा के निवास में पत्रकारों से चर्चा कर सवालों के जवाब दिए। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि रामचरित मानस में लिखा है कि एकमात्र भगवान भोलेनाथ है, जो औघड़दानी हैं, जो स्वतंत्र हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए लोगों में शिवमहापुराण के प्रति जागृति आई है, कथा सुनने की जिज्ञासा बढ़ी है। उन्होंने विभिन्न उपायों को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं है, लेकिन जो उपाय बताए जाते हैं, वह सभी ग्रंथों में शुरू से लिखे हुए हैं और ग्रंथ आज से नहीं बल्कि साढ़े पांच हजार वर्ष पूर्व लिखे गए हैं। जितने भी ग्रंथ हैं, आचार संहिता, निर्णया सिंधु, भृगु संहिता, काली किताब, रावण संहिता आदि में अलग- अलग सुख-दुख के लिए उपाय बताए गए हैं। उपायों को लेकर लोगों में भ्रांतियां है, लेकिन शास्वत सत्य केवल राम है। सत्य ही राम नाम है।
आचार्य श्री पांडेय ने यह भी कहा कि गौ माता के शरीर में 33 कोटि देवताओं का निवास है,जिस घर में गौ स्वतंत्र निर्भय होकर श्वांस लेती है, उस घर में कभी कोई व्यक्ति रोगी नहीं होता
वहां लक्ष्मी का वास होता है।