1300 लोगों की जिन्दगी फिर से हुई रौशन ‘‘आंख है तो समझिए सारा जहान् आपके पास व साथ है, इसके बगैर इंसान की दुनिया में अंधेरा ही अंधेरा है
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद । गरियाबंद जिला को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत् है। इस संबंध में जिला गरियाबंद के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गार्गी यदु पाॅल ने जानकारी देते हुए बताया की ग्रामीण अंचल में नेत्र सहायक अधिकारियों एवं मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा लगातार सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है जिनके द्वारा चिन्हाकिंत मोतियाबिंद एवं अन्य नेत्र रोग के मरीजों को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय भेजा जाता है तथा उनका निःशुल्क उपचार एवं मोतियाबिंद आपरेशन कराया जाता है। आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में दृष्टिदोष एवं मोतियाबिंद की समस्या शुरू हो जाती है।
राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम जिला गरियाबंद अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक जिले के 25189 बाह्य रोगीयों का जांच एवं उपचार किया गया जिसमें से 1276 मोतियाबिंद मरीजों का मोतियाबिंद आपरेशन एवं 24 अन्य नेत्र रोगीयों का सफल आपरेशन किया गया है। जिला चिकित्सालय गरियाबंद में पदस्थ नेत्र विशेषज्ञ डाॅ. टी.सी. पात्रे द्वारा जिला चिकित्सालय गरियाबंद में प्रति मंगलवार को निःशुल्क नेत्र आपरेशन किये जाते हैं। जिले के 257 पूर्व माध्यमिक शालाओं में नेत्र परीक्षण का कार्य कराया गया है जिसमें पढ़ने वाले 18599 छात्र-छात्राओं को नेत्र जांच का लाभ मिला, दृष्टिदोष वाले 425 छात्र-छात्राओं को जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा निःशुल्क पावर वाले चश्में उपलब्ध कराये गये हैं। इसी तरह जिले में 1600 वृद्धजनों को नेत्र जांच उपरांत दृष्टीदोष पाये जाने पर पढ़ने लिखने के लिए निःशुल्क पावर वाले चश्में उपलब्ध कराये गये हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में मोतियाबिंद आॅपरेशन हेतु एन.जी.ओ. उषा फाउंडेशन रायपुर की सहायता भी ली गयी थी।
आगामी वर्ष में गरियाबंद जिले को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता से मुक्त जिला बनाने हेतु जिला नोडल अधिकारी डाॅ. टी.सी.पात्रे, वरिष्ठ नेत्र सहायक अधिकारी सुविनय बोस, शेष नारायण पात्र, पुरषोत्तम निर्मलकर, योगानंद चक्रधारी, आर.पी. साहू, श्रीमति दीपिका साहू, श्रीमति भारती साहू, श्रीमति वाणी आराधणा साहू, नितेश सिन्हा, अजय साहू, पोसुराम साहू, रामसखा गौतम सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम निरंतर प्रयासरत् है।