31 मई शहीद कॉमरेड रमेश परिडा का शहादत दिवस अमर रहे- टीयुसीआई
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रायपुर/ 31मई 1990 अभनपुर मे टी यु सी आई के नेतृत्व में हजारों मजदूरों ने श्रम कानून लागू करने, न्यूनतम मजदूरी देने,फर्जी केस बनाने के खिलाफ, एवं जीने लायक वेतन की मांग को लेकर अभनपुर थाने के सामने शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। मजदूरो पर उस समय की भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने लाठी गोली चलाकर कॉमरेड रमेश परिडा की हत्या कर दिया था। आज 30 वां वर्षगांठ के अवसर पर ट्रेड यूनियन सेंटर ऑफ इंडिया ने शहीद कॉमरेड रमेश परिडा को श्रद्धांजली अर्पित किया। ट्रेड यूनियन सेंटर ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि कारखानो में लम्बे समय से ही मालिको की तानाशाही चल रही थी, और सरकार एवं पुलिस मालिको के इशारे पर मजदूरो पर लाठी गोली चलाते रही है।
आज हालात और भी ज्यादा बदतर हो गई है केंद्र की आर एस एस /बी जे पी की फ़ासिस्ट मोदी सरकार ने मालिको के हित मे ,मजदूर लड़ कर जो अधिकार हासिल किये थे ,उन सारे श्रम कानूनो को ही ख़त्म कर दिया है।8 घटें के बजाय 12 से14घन्टे काम कराने के लिये अध्यादेश ला रही है, कोरोना महामारी संकट के आड़ में मेहनतकशो की जिंदगी को नरक बना दिया है,ना ही खाना मिल रहा है और ना ही समुचित ईलाज। 40 कारोड प्रवासी कैजुवल मजदूरों की जिंदगी तबाह कर दिया है,14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं,जी डी पी 0 प्रतिशत तक आ गई है ,बेरोजगारी 28 प्रतिशत से अधिक हो गई है और मोदी सरकार कहती है कि आत्मनिर्भर बनो। पूंजीवादी साम्राज्यवादी व्यवस्था के फ़ासिस्ट दलाल मोदी सरकार ने कोरोना संकट का बोझ मजदूर, किसान, दलित, आदिवासियों क़े कंधो पर डाल कर पूंजीपतियों की सेवा करने पर तुली है।इसलिए टी यु सी आईं सभी मजदूरो और मज़दूर संगठनो से आह्वान करती हैं कि हम सब सगंठन एकजुट होकर ही इस भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ सँघर्ष को आगे बढ़ा सकते हैं।