15 किमी पैदल घूम घूमकर चूडियाँ बेचने वाली दुलिया बाई दूसरी बार बनी सरपंच
हसन खान रामकृष्ण ध्रुव
महिला दिवस पर विशेष
दुलिया के जज्बे को सलाम
मैनपुर – राजनीति को अक्सर लोग पावर और पैसा कमाने का जरिया मानते है, प्रचलित कहावत है कि यदि किसी के घर से कोई एक बार मंत्री बन जाये तो उसकी सात पीढियां तर जाती है, छोटा मोटा नेता भी बन जाये तो कम से कम अपने बुढापे तक के लिए तो कमा ही लेता है, मगर ऐसा नही है कि सभी लोग पावर और पैसा कमाने के लिए राजनीति में आए हो, आज भी बहुत से नेता ऐसे है जो समाज सेवा के लिए राजनीति करते है।
बात गरियाबंद की जाये तो आज हम मैनपुर विकासखंड की ऐसी सरपंच के बारे में आपको बताने जा रहे है जो दुसरी बार सरपंच होते हुए भी गांव गांव में चुडियां बेचकर अपना घर चलाती है, एक हजार की आबादी वाले हरदीभाटा पंचायत की इस सरपंच का नाम है दुलिया बाई, लगातार दुसरी बार सरपंच होते हुए भी दुलिया बाई आज भी आसपास के गांवो और हाट बाजारों में चुडियां बेचने जाती है, जब भी कोई उनसे इस बारे में पुछता है तो वे मुस्कुरा कर बस इतना ही कहती है कि वे चुडियां अपने घर चलाने के लिए बेचती है और सरपंची गांववासियों की सेवा के लिए करती है, यहां ये बताना लाजमि होगा कि दुलिया बाई उसी मैनपुर विकासखंड के एक पंचायत की सरपंच है जहां पदस्थ अधिकांश अधिकारियों की संपत्ति की जॉच की जाये तो शायद आईटी विभाग को हिसाब किताब लगाने में महीनेभर का समय लग जाये, अधिकारी तो दूर ज्यादातार सरपंचो और पंचायत सचिवों की बात कर ली जाये तो मोटी रकम के मालिक हो चुके है, ऐसे में माहौल में यदि दुलिया बाई जैसी सरपंच हो जिनके पति घर चलाने के लिए ड्रायवरी करते हो और खुद दुलिया बाई चुडियां बेचती हो तो आप भी समझ सकते है उनका राजनीति करने का मकसद क्या हो सकता है, वैसे हरदीभाटा के ग्रामीणों ने उनके काम और नीयत पर पहले ही मौहर लगाकर उन्हे दुसरी बार सरपंच की कुर्सी सौंपी है,
आज महिला दिवस है अपने सभी पाठकों की ओर से दुलिया बाई को बधाई प्रेषित करता है और उम्मीद करता है कि जनता की निस्वार्थ सेवा का उनका सिलसिला आगे भी निरंतर जारी रहे।