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October 18, 2024

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देव दशहरा भाठीगढ़ में उमड़े 15 हजार लोग

देवताओं की शोभा निकालकर मनाई गई शक्ति का पर्व विजयादशमी

मैनपुर। क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल पैरी उद्गम भाठीगढ़ मे क्षेत्रभर से पहुंचे देवी देवताओं व हजारो लोगो की उपस्थिति मे विशाल शोभा यात्रा निकाल, रैनी मार, गढ़ चढाई के साथ ऐतिहासिक देव दशहरा पर्व मनाया गया। इस देव दशहरा मे आदिवासी संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है जहां क्षेत्रभर के देवी देवताओं के पहुंचने के बाद आपस मे मेल मुलाकात के पश्चात देवी देवताओं व हजारो लोग की भीड़ रैनी मारकर व गढ़ चढ़ाई की रश्म निभाते हुए दशहरा का पर्व मनाते है और राजा रजवाड़े जमाने के तलवार खडक बाना सांगा व अनेक अस्त्र श़स्त्र जमकर भांजे जाते है। यह परंपरा वर्षो पुराना चली आ रही है और लोग इस दशहरा पर्व मे शामिल होने देवी देवताओ से आशिर्वाद लेने बडी संख्या मे भाठीगढ़ पहुंचे थे। क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक व देवस्थल पैरी उद्गम भाठीगढ़ मे चार दिवसीय देव दशहरा पर्व पर क्षेत्र भर के हजारो लोग पहुंच, देवी देवताओ से क्षेत्र मे सुख शांति समृध्दि व खुशहाली की कामना की।मेंेेे

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ज्ञात हो कि पैरी उद्गम स्थल भाठीगढ़ छत्तीसगढ़ के प्रमुख गढ़ के रूप मे विख्यात है और अपने धार्मिक आस्थाओं के लिये पूरे प्रदेश मे मशहूर है, यहां मनाये जाना वाला चार दिवसीय देव दशहरा अपने आप मे एक अनूठा धार्मिक आयोजन है जहां आदिवासी संस्कृति के अनुसार दशहरा पर शक्ति पूजा के रूप मे देवी देवताओ की पूजा कर सवारी निकाली गई ,भाठीगढ़ मे नवरात्र के नवमी से दशहरा पर्व प्रारंभ हो जाता है, विजय दशमी के दिन पहाड़ी पर स्थित क्षेत्र के प्रमुख देवी मां बम्हनीन माई ,मां दन्तेश्वरी माई के दरबार मे विशेष पूजा अर्चना के पश्चात् गाजे बाजे के साथ सभी देवी देवताओ की सवारी ग्राम प्रमुख हेमसिंग नेगी के घर पहुंची जहां राजा रजवाड़े जमाने के तलवार, खड़क, अस्त्र शस्त्र की पूजा अर्चना कर देवी देवताओं ने अस्त्र शस्त्र लेकर शक्ति के रूप मे नृत्य, शौर्य प्रदर्शन किये, देर शाम को राज भर के माता जिड़ारिन देवी की सवारी हजारो लोगो की भीड़ रैली के साथ ध्वज लेकर ग्राम भाठीगढ़ की सीमा पर पहुंची जहां तलवार व लाठी कला का प्रदर्शन किया गया, ठीक इसी समय राज देवी बस्तरहीन, गादी माई व रणमौली खांड़ा देवी भी भाठीगढ़ डांग डोली गाजे बाजे के साथ पहुंची, क्षेत्र के सभी प्रमुख देवी देवताओ के भाठीगढ़ पहुंचने पर भाठीगढ़ के देवी देवताओं व हजारो श्रध्दालुओं द्वारा जोरदार स्वागत के पश्चात् मां बम्हनीन, मां दंतेश्वरी, मां काला कुंवर, मां गढ़वाली, मां भठीगढ़ीन, मां जिड़ारिन, मां बस्तरहीन, गादी मां , रणमौली खांड़ा देवी ,कचना धुर्वा देव व सभी प्रमुख देवी देवताओं के साथ हजारो की भीड़ तेज गति के साथ पूरे उत्साह से रैनी भांठा पहुंची और रैनी (सोनपत्ता) मारकर दशहरा पर्व मनाया गया।राजा रजवाडे जमाने के तलवार खडक अस्त्र शस्त्र जमकर भांजे गए ।इस दौरान राजा रजवाड़े जमाने के तलवार, खड़क, अस्त्र शस्त्र जमकर भांजे गये और इस देव दशहरा को देखने क्षेत्र व प्रदेश के कोने कोने से हजारो लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी, पश्चात् उपस्थित भीड़ ने देवी देवताओं से क्षेत्र मे सुख, शांति, समृध्दि की कामना करते हुए आशीर्वाद लिये, बताया जाता है रैनी मारने के बाद सभी देवी देवताओं एक दूसरे से गले मिलकर वियजादशमी पर्व की बधाई देते है और इस दौरान जो भी सच्चे दिल से माता से मनौती मांगी जाती है उसे माता अवश्य पूरा करती है पश्चात सभी देवी देवताओं ने गढ़ चढ़ाई रस्म पूरी की।

  • लगा देवी देवताओं का अनोखा दरबार

गजभारन मे क्षेत्र भर से पहुंचे सभी देवी देवताओ ने रात्रि विश्राम के पश्चात् आज बुधवार को तीसरे दिन क्षेत्र भर से पहुंचे देवी देवताओ की विशेष पूजा अर्चना के पश्चात् बकरा, मुर्गा की बलि दी गई व देवी देवताओ की दरबार लगाई गई जो अपने आप मे अनूठा है जहां देवी देवता क्षेत्र के समस्याओ के संबंध मे विचार विमर्श कर क्षेत्र भर से पहुंचे लोगो को आशीर्वाद प्रदान किये, दोपहर तक नेगी परिवार द्वारा दूर दूर से आये सभी देवताओं, वरिष्ठ जनो, झांकर, बैगा, पुजारी, सिरहा लोगो को पान सुपारी श्रीफल देकर विदा किया गया तो कल गुरूवार को पालो उतारने के बाद विधि विधान के साथ यह चार दिवसीय देवदशहरा का समापन किया जायेगा।

  • ये लोग थे प्रमुख रूप से शामिल

इस मौके पर प्रमुख रूप से हेमसिंग नेगी, रामेश्वर नेगी, छबिलाल दिवान, मुख्तियाज दिवान, प्रेमसाय जगत, नकछेड़ा राम धुर्वा, आशाराम यादव, रतनू राम पुजारी, नाथूराम धुर्वा,,खेदू नेेगी, पवन दिवान, सुन्दर कपिल, गंगाराम जगत,कंवलदास वैष्णव, कोमल सिंग ठाकुर, थानू पटेल, भागीरथी धु्रव, देवसिंग चक्रधारी, खेलन धुवा, भोलाराम नागेश, रामकृष्ण धु्रव, शेख हसन खान, लिबास पटेल, जिला पंचायत के सभापति लोकेश्वरी नेताम, रूपेश साहू, पुलस्त शर्मा, कैलाश गुप्ता, भगवान सिंह धु्रव, अमृत धु्रव, रामसिंग धु्रव, उत्तम पटेल, नीरजंन धु्रन, महेन्द्र साहू, गुमान धु्रव, योगेश शर्मा, दिनेश सिन्हा, देवी सिंह, शोभा राम कुम्हार, सरपंच ईश्वर नागेश, जन्मेजय नेताम, भागीरथी धु्रव, नीरज ठाकुर, विशेषर सिक्का, जोहन साहू, सहित 56 ग्रामों को लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग शामिल हूए ।

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