मकर संक्रांति – 14 जनवरी को सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश, ग्रहों के राजा का यह राशि परिवर्तन चहुंओर उत्सव बनाने वाला है
1 min read- सूर्य शनि की राशि मकर में रहेंगे तो शनि सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में होंगे। यह संयोग 22 जनवरी तक विद्यमान रहेगा।
गुरुवार 14 जनवरी को सुबह लगभग 8 बजकर 13 मिनट पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. भारत में ग्रहों के राजा का यह राशि परिवर्तन चहुंओर उत्सव बनाने वाला है. मकर संक्रांति, माघ बिहु से लेकर सुदूर दक्षिण में पोंगल का त्योहार मनाया जाता है. इस बार उत्तरायण सूर्य की यात्रा खास संयोग लेकर आ रही है.
- उत्तरायण सूर्य की यात्रा खास संयोग लेकर आ रही है। सूर्य शनि की राशि मकर में रहेंगे तो शनि सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में होंगे। यह संयोग 22 जनवरी तक विद्यमान रहेगा। संयोग सम्पूर्ण प्रकृति में खुशहाली लेकर आएगा। उर्जा उत्साह और आनंद में वृद्धि होगी। समाज में हर्ष व्याप्त रहेगा।
सूर्य शनि की राशि मकर में रहेंगे तो शनि सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में होंगे. यह संयोग 22 जनवरी तक विद्यमान रहेगा. आगे शनि चंद्रमा के नक्षत्र श्रवण में प्रवेश कर जाएंगे. इस सप्ताह शासन प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्याें को गति मिलेगी. सभी वर्ग के लोग प्रसन्न रहेंगे. परिवारों में सुख, सौंदर्यबोध बढ़ेगा.
- पिता-पुत्र सूर्य-शनि का राशि और नक्षत्र का संयोग सम्पूर्ण प्रकृति में खुशहाली लेकर आएगा. धनधान्य में वृद्धि होगी. रबी फसल की फसल का बल मिलेगा. इन ग्रहों इस चाल से सभी के रिश्ते मजबूत होंगे. नकारात्मकता का भाव कम होगा. उर्जा उत्साह और आनंद में वृद्धि होगी. समाज में हर्ष व्याप्त रहेगा. राजनीतिज्ञों में भाव बढ़ेगा.
शनिदेव सूर्य की भार्या छाया की संतान हैं. दक्षिणायन से उत्तरायण होते हुए सूर्य की छाया और प्रभावी होगी. शनिदेव का बल मिलेगा. मकर संक्रांति से लगातार दो माह सूर्य शनि की राशियों मकर और कुंभ में संचरण करेंगे. शनि को जनता और न्याय का कारक माना जाता है. शनिदेव स्वयं मूलत्रिकोण राशि में मकर में गतिमान होकर बलवान हैं. निश्चित ही यह स्थिति न्याय और जनमानस के लिए श्रेष्ठ फलकारक है. सूर्य के इसी संचरण में इस बार हरिद्वार में कुंभ का आयोजन है. धर्म अध्यात्म और स्नान दान में इसका विशेष महत्व है. लाभ वृद्धि के लिए सूर्य को नियमित अर्घ्य दें। काले तिल, उड़द व मूंग दाल की खिचड़ी का दान करें.