मंडी समिति रायपुर राजधानी की भूमि बलि चढ़ी – देवजी भाई पटेल
1 min readRaipur- कृषि उपज मंडी समिति रायपुर की बेशकीमती भूमि का बंदरबांट चल रहा है । रायपुर कृषि उपज मंडी के लिए फाफाडीह पंडरीतराई मोवा के किसानों से लगभग 116 एकड़ कृषि भूमि कृषि मंडी की स्थापना हेतु खरीदी गई थी, जिसमें आज पर्यंत निर्बाध कृषि उपज मंडी का कार्य संचालित हो रहा था। मगर शासन में बैठे लोग रातों-रात निर्णय कर कृषि उपज मंडी के प्रांगण कार्यालय सहित सारे सुविधा युक्त 10 एकड़ का कैंपस जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क को आवंटित करने का निर्देश दिया । एक ओर किसान हितैषी बताने वाली सरकार किसानों के धरोहर को अमानत में खयानत करने में लगा है। ज्ञात हो कि विगत वर्षों से मंडी रायपुर का निर्वाचन लंबित है, ना तो किसान प्रतिनिधि है ना ही किसानों की कोई बाड़ी है , इसके बावजूद सारे नियम कानून को ताक पर रखकर अधिकारियों निर्वाचन समिति पर दबाव डालकर प्रस्ताव तैयार कर भूमि आवंटन का खेल यह प्रदर्शित कर रहा है, किसको, किसलिए , क्यों उपकृत कराने का खेल है, और इसके पीछे कौन है, यही नहीं पूरा रायपुर नगरीय क्षेत्र के करोड़ों वर्ग फुट जमीन को अपने हितैषियों को बेचने का खुला खेल जारी है। शहर के भविष्य की जरूरत के हिसाब से विकास की ना इन्हे चिंता है ना भावी पीढ़ी की । सार्वजनिक प्रयोजन सारे भूमि अब जमीन माफियाओं की बलि चढ़ने वाला है। यह समझ से परे है दिवालिया हो गई छत्तीसगढ़ सरकार ना जाने शहर की भूमि को बेचकर कितना रेवेन्यू कमा लेगा, मुख्यमंत्री के तानाशाही के कारण अफसर दहशत में है, कम से कम यह तो देख लेते की जमीन कौन , किसलिए खरीद रहा है। पूरा का पूरा मामला एक षड्यंत्र के तहत अपनों को उपकृत करने का खेल है ।
भूमि अधिकरण में ना तो दावा आपत्ति को संज्ञान में लिया जा रहा है ना ही आम नागरिक के विरोध की चिंता है। मनमाफिक जो चाहे जैसा चाहे जमीन हथिया ले अभी समय है, सरकार आने वाली पीढ़ी का ध्यान रखें शहर की जनता के हितों का संरक्षण उनकी जिम्मेदारी है यदि इस पर रोक नहीं लगा तो जनता कभी माफ नहीं करने वाली है।